छोटे और मझोले उद्योगों को बैंकों और एनबीएफसी ने दिया 31.3 लाख करोड़ कर्ज
मुंबई- देश के सूक्ष्म, छोटे और मझोले उद्योगों को बैंकों और अन्य वित्तीय कंपनियों ने अच्छा खासा कर्ज दिया है। आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, इस उद्योग को 2024-25 तक कुल 31.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है। कुल 2.45 करोड़ खाते हैं। 2023-24 तक 2.57 करोड़ खातों को 27.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 तक 2.13 करोड़ खातों को 22.6 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिए गए थे। यानी दो वित्त वर्ष में कर्ज की रकम करीब 9 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। 2024-25 में कुल सूक्ष्म खातों की संख्या 2.25 करोड़ और कर्ज 15.1 लाख करोड़ रुपये था। छोटे उद्योगों के खातों की संख्या 1.55 करोड़ और लोन 9.9 लाख करोड़ रुपये था। मझोली कंपनियों के 4 करोड़ खातों को 6.3 लाख करोड़ रुपये दिया गया था।
किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी खातों की संख्या 8 लाख घट गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 में कुल 2.90 करोड़ खाते थे और इन पर 6.01 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था। 2023-24 में 2.98 करोड़ खातों को 5.74 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था।
आरबीआई ने 2024-25 के दौरान 353 मामलों में बैंकों पर 54.78 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें सबसे ज्यादा 264 मामले सहकारी बैंकों के खिलाफ थे। इन पर 15.63 करोड़ रुपये का दंड लगाया गया है। सरकारी बैंकों पर 8 मामलों में 11 करोड़ रुपये, निजी बैंकों पर 15 मामलों में 14.80 करोड़ रुपये और विदेशी बैंकों पर 6 मामले में 3.52 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनबीएफसी पर 37 मामलों में 7.29 करोड़ रुपये का दंड लगा है।
इस दौरान आरबीआई के लोकपाल को कुल 2.96 लाख शिकायतें बैंकों, एनबीएफसी से संबंधित मिली हैं। ज्यादातर शिकायतें डिजिटल उत्पादों और लोन से जुड़ी हैं। 30 सितंबर, 2024 तक कुल 287 करोड़ खाते बीमा के तहत सुरक्षित थे। यह कुल खातों का 97.7 फीसदी है। इन खातों का कुल जमा 96.74 लाख करोड़ रुपये है। 2024-25 के दौरान डिपॉजिट इंश्योरेंस गारंटी के तहत 26,724 करोड़ रुपये का प्रीमियम मिला था।