सरकारी बैंकों ने 2024-25 में कमाए रिकॉर्ड 1.79 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा

मुंबई- एनपीए घटने, कारोबार बढ़ने और बेहतर मार्जिन से सभी 12 सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1,78,900 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध मुनाफा कमाया है। यह 2023-24 में 1.41 लाख करोड़ के रिकॉर्ड मुनाफे से 27 फीसदी अधिक है। कुल मुनाफे में से अकेले 70,901 करोड़ एसबीआई का रहा है।

प्रतिशत के रूप में सबसे अधिक 101 फीसदी मुनाफा पंजाब नेशनल बैंक का बढ़ा है जो 16,630 करोड़ रहा। दूसरे स्थान पर 78 फीसदी तेजी के साथ सेंट्रल बैंक है। तीसरे पर 71 फीसदी के साथ पंजाब एंड सिंध बैंक है। रुपये के लिहाज से 70,901 करोड़ के साथ एसबीआई पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर 19,581 करोड़ के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा है।

यूनियन बैंक 17,987 करोड़ के साथ तीसरे स्थान पर है। चौथे स्थान पर 17,540 करोड़ के साथ केनरा बैंक है। पंजाब नेशनल बैंक 16,630 करोड़ के साथ पांचवें स्थान पर है। छह बैंक ऐसे हैं जिन्होंने सालाना 10,000 करोड़ से अधिक फायदा कमाया है। सालाना आधार पर सभी बैंकों का लाभ बढ़ा है।

चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च के बीच बैंकों का फायदा 48,451 करोड़ रहा। 2023-24 की समान तिमाही में 42,847 करोड़ था। इसमें एसबीआई का 18,643 करोड़ है। तिमाही आधार पर सभी का लाभ बढ़ा, लेकिन एसबीआई का 10 फीसदी गिर गया। सबसे अधिक फायदा कमाने में 124 फीसदी के साथ पंजाब एंड सिंध बैंक है। बैंक ऑफ इंडिया का 82 फीसदी, पंजाब नेशनल बैंक का मुनाफा 52 फीसदी, केनरा का 28 फीसदी, इंडियन बैंक का 32 फीसदी और इंडियन ओवरसीज बैंक का 30 फीसदी बढ़ा है।

सरकार ने घाटे में चल रहे इन बैंकों को उबारने के लिए चार आर की रणनीति शुरू की। इसमें बैंकों में फिर से पूंजी डालना, पहचान करना, रिजॉल्यूशन और सुधार शामिल हैं। इससे बैंकों के बुरे फंसे कर्ज यानी एनपीए में कमी हुई तो उधारी देने में तेजी आई।

बैंकों का शुद्ध एनपीए 0.70 फीसदी से कम है। एकमात्र पंजाब एवं सिंध बैंक का 0.96 फीसदी है। सबसे कम 0.18 फीसदी एनपीए बैंक ऑफ महाराष्ट्र का है। एसबीआई का 0.47 फीसदी, यूनियन बैंक का 0.63 फीसदी, बैंक ऑफ बड़ौदा का 0.58 फीसदी व पीएनबी का 0.40 फीसदी है।

एसबीआई का कारोबार 95 लाख करोड़ हो गया है। जमा व उधारी को मिला दें तो उसे कुल कारोबार कहते हैं। यूनियन बैंक का 22.92 लाख करोड़, इंडियन बैंक का 13.25 लाख करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का 27 लाख करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का 26.83 लाख करोड़ और केनरा बैंक का 25.30 लाख करोड़ रुपये रहा।

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