लाडकी बहिन योजना का लाभ लेने वाली 10 लाख महिलाओं का कट सकता है नाम

मुंबई- मुख्यमंत्री लाडली बहिन योजना का लाभ लेने वाली प्रत्येक महिला के आवेदनों की बारीकी से जांच शुरू है। अभी तक पांच लाख महिलाओं के नाम काटे जा चुके हैं और करीब 10 लाख महिलाओं के नाम काटे जा सकते हैं। इस तरह कुल 15 लाख महिलाओं के नाम लाभार्थियों की सूची से बाहर हो सकते हैं। जिससे राज्य सरकार को करीब 2700 करोड़ रुपये सालाना की बचत होने का अनुमान है। इस योजना में 83 फीसदी महिलाएं विवाहित है जबकि सबसे ज्यादा लाभार्थी 30-39 साल की है।

राज्य सरकार अब प्रत्येक महिला के आवेदन की जांच करके यह पता करने में लगी है कि योजना का लाभ ले रही महिलाएं योजना की शर्तों को पूरा कर रही है या नहीं। सरकार की जांच से मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों को बड़ा झटका लग सकता है। लाडकी बहिन योजना की लाभार्थियों को हर साल जून महीने में बैंक जाकर केवाईसी जमा करना होगा जिसमें जीवन प्रमाण पत्र भी देना होगा। जो महिलाएं दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं और जिनकी परिवारिक आय 2.5 लाख से अधिक है उन्हे अयोग्य घोषित किया जाएगा।

इस योजना के तहत, 21 से 65 वर्ष की आयु की विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, या निराश्रित महिलाओं तथा 2,50,000 रुपये प्रति वर्ष से कम पारिवारिक आय वाली महिलाओं को राज्य सरकार 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत अब तक करीब 2.5 करोड़ लाभार्थी पंजीकृत हैं।

विवाहित महिलाओं की संख्या 83 प्रतिशत, जबकि अविवाहित महिलाओं की संख्या 11.8 प्रतिशत, विधवाओं की संख्या 4.7 प्रतिशत, जबकि ‘तलाकशुदा, निराश्रित की संख्या सामूहिक रूप से 1 प्रतिशत से भी कम है।

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