ई-पैन कार्ड: घोटालेबाज मेल भेज कर आपके साथ कर रहे ठगी का नया तरीका

मुंबई- घोटालेबाज पीड़ितों को बरगलाने के लिए तरीके बदलते रहते हैं। प्रेस सूचना ब्यूरो यानी पीआईबी फैक्ट चेक में कहा गया है कि आयकर विभाग से फर्जी ईमेल यूजर्स को उनके ई-पैन कार्ड डाउनलोड करने के लिए बरगला रहे हैं।

पैन 2.0 डिजिटल ई-पैन कार्ड के लिए आयकर विभाग की नई परियोजना है। इन नए पैन कार्डों में बेहतर सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए एक क्यूआर कोड की सुविधा है। मौजूदा पैन कार्डधारकों को नए पैन कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, ऐसा करने के फायदे भी हैं। पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया पर ई-पैन कार्ड डाउनलोड धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है और कहा है कि यह फर्जी ईमेल है। संवेदनशील या वित्तीय जानकारी मांगने वाले के कॉल, मैसेज, ईमेल का जवाब कभी भी न दें। आयकर विभाग ई-मेल के जरिये व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता है।

आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार, वित्तीय संस्थानों, लोकप्रिय सोशल वेबसाइटों व ऑनलाइन भुगतान या किसी और तरीके का उपयोग आम तौर पर जनता को लुभाने के लिए किया जाता है। इसे ज्यादातर ई-मेल या मैसेज के जरिये भेजा जाता है। यह अक्सर यूजर्स को एक नकली वेबसाइट पर विवरण दर्ज करने के लिए निर्देशित करती है। इस तरह की वेबसाइटें लगभग मूल वेबसाइटों की तरह ही बनाई जाती हैं और उसमें लोगो और अन्य जानकारी भी वैसी ही डाली जाती है।

विभाग ने सोशल मीडिया पर कहा, ईमेल या मैसेज में मिला कोई भी अटैचमेंट न खोलें। इनमें ऐसा कोड हो सकता है जो आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर देगा। किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। यदि आपने किसी संदिग्ध ई-मेल या फिशिगं वेबसाइट के लिंक पर क्लिक किया है तो बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड विवरण जैसी गोपनीय जानकारी दर्ज न करें। अपने ब्राउजर पर संदेश से लिंक को काटकर पेस्ट न करें। फिशर लिंक को सही दिखा सकते हैं, लेकिन यह आपको दूसरी वेबसाइट पर भेज सकता है।

एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर, एंटी स्पाइवेयर और फायरवॉल का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से अपडेट करें। कुछ फिशिंग ई-मेल में ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं या आपकी जानकारी के बिना इंटरनेट पर आपकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं। एंटी-वायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर और फायरवॉल आपको ऐसी अवांछित फाइलों को अनजाने में स्वीकार करने से बचा सकते हैं।

यदि आपको कोई ई-मेल प्राप्त होता है या कोई ऐसी वेबसाइट मिलती है जो लगता है कि नकली वेबसाइट हो सकती है, तो ई-मेल या वेबसाइट यूआरएल को webmanager@incometax.gov.in पर भेजें। साथ ही, incident@cert-in.org.in पर भी उसको सीसी कर दें।

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