अंबानी, जिंदल व माल्या सहित इन्होंने हमारे बैंकों का डुबाया सबसे ज्यादा पैसा

मुंबई- लोन न चुका पाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। टॉप 100 डिफॉल्टरों के पास कुल एनपीए का 43 फीसदी हिस्सा है। इसमें बताया गया है कि लोन न चुका पाने वालों में मार्च 2019 तक मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी कंपनियां सबसे ऊपर हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक जिन 100 कंपनियों के पास एनपीए का 43 फीसदी से ज्यादा हिस्सा था, उनमें से 30 उधारकर्ताओं के पास कुल एनपीए का 30 फीसदी से अधिक हिस्सा था। बैंकों के पास 31 मार्च 2019 तक 9.33 लाख करोड़ रुपये का एनपीए था। यह भारत की बैंकिंग प्रणाली के इतिहास में साल 2018 के बाद दर्ज की गई दूसरी सबसे अधिक खराब ऋण राशि है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन कंपनियों का लोन एनपीए घोषित किया गया है, उनमें शामिल टॉप 100 कंपनियों के एनपीए 4.02 लाख करोड़ रुपये रहा। यह कुल एनपीए का करीब 43 फीसदी है। जांच से यह भी पता चलता है कि टॉप 100 बैंक डिफॉल्टर्स पर 31 मार्च 2019 तक कुल 8.44 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था और इसमें से लगभग आधे को खराब ऋण या एनपीए घोषित किया गया था। टॉप 100 बैंक डिफॉल्टर्स में प्रमुख उद्योगपतियों की ओर से संचालित विभिन्न क्षेत्रों की बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी लोन न चुका पाने से सबसे ऊपर हैं। इन तीनों सेक्टर की सिर्फ 15 कंपनियों पर इन टॉप 100 कंपनियों के कुल कर्ज का 50 फीसदी (4.58 लाख करोड़ रुपये) से अधिक कर्ज है।

एनपीए की रकम हर साल बढ़ती गई। रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2015 को कुल एनपीए 3.23 लाख करोड़ रुपये था। यह 31 मार्च 2018 तक बढ़कर 10.36 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अब तक का सबसे अधिक था। अगले साल इसमें कुछ गिरावट आई।

जांच के मुताबिक कई कंपनियां दिवालियापन की प्रक्रिया में हैं। इनमें अनिल अंबानी वाले रिलायंस ग्रुप की भी कंपनी शामिल हैं। इन ें रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड, रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड। इनके अलावा रिलायंस ग्रुप की कम से कम दो सहायक कंपनियां, जेपी ग्रुप की जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, जयप्रकाश पावर वेंचर लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, रुचि सोया इंडस्ट्रीज (अब पतंजलि फूड्स), वीडियोकॉन ग्रुप की दो कंपनियां, जिंदल इंडिया थर्मल पावर मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स आदि।

देश की टॉप डिफॉल्टर कंपनी में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस भी शामिल है। अलग-अलग सेक्टर के अनुसार टॉप डिफॉल्टर में एनर्जी/पावर से केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड, मैन्युफैक्चरिंग से भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड, रियल एस्टेट/कंस्ट्रक्शन से जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और टेलीकॉम से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड शामिल हैं।

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