स्विगी को लगी जोरदार चपत, 103 रुपये के बदले देना पड़ गया 35,000 रुपये
मुंबई- ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी (Swiggy) को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। यह कंपनी स्विगी वन मेंबरशिप (Swiggy One Membership) की योजना चलाती है। इसके मेंबर बनने पर यूज़र्स को फ़ूड और किराने की चीज़ों की असीमित मुफ़्त डिलीवरी का फायदा मिलता है। लेकिन एक मेम्बर से 103 रुपये की डिलीवरी फीस वसूली गई। वह ग्राहक कोर्ट (Consumer Forum) चला गया। अब कोर्ट ने स्विगी पर 35,000 रुपये से भी अधिक का जुर्माना ठोंक दिया है।
यह मामला रंगा रेड्डी के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Court) का है। कोर्ट ने पाया कि इस कंपनी ने जानबूझ कर डिलीवरी की दूरी बढ़ा दी थी, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक से अधिक शुल्क लिया गया। अदालत ने स्विगी को इन व्यवहारों का दोषी पाया और कंपनी को शिकायतकर्ता एम्माडी सुरेश बाबू को कुल 35,453 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
हैदराबाद निवासी बाबू ने स्विगी वन की सदस्यता खरीदी थी। इसमें एक निश्चित दूरी के भीतर मुफ्त डिलीवरी का वादा किया गया था। 1 नवंबर, 2023 को जब उन्होंने भोजन का ऑर्डर दिया, तो स्विगी ने कथित तौर पर डिलीवरी की दूरी 9.7 किलोमीटर से बढ़ाकर 14 किलोमीटर कर दी। जिससे उनकी सदस्यता के लाभों के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी शुल्क देना पड़ा। इसकी उन्होंने कोर्ट से शिकायत की।
अदालत ने बाबू द्वारा प्रदान किए गए Google मैप्स स्क्रीनशॉट सहित साक्ष्य की समीक्षा की और डिलीवरी की दूरी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी। स्विगी सुनवाई में शामिल नहीं हुआ, जिससे अदालत को बाबू के हलफनामे और सहायक दस्तावेजों के आधार पर उनके बचाव के बिना आगे बढ़ना पड़ा।
अपने फ़ैसले में आयोग ने स्विगी को 350.48 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दाखिल करने की तिथि से वापस करने का आदेश दिया। साथ ही 103 रुपए डिलीवरी शुल्क भी वापस करने को कहा। न्यायालय ने स्विगी को मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5,000 रुपए का भुगतान करने, मुकदमेबाज़ी की लागत में 5,000 रुपए का भुगतान करने और स्विगी वन सदस्यों के लिए डिलीवरी की दूरी को बढ़ाना बंद करने का भी आदेश दिया। स्विगी को रंगा रेड्डी जिला आयोग के उपभोक्ता कल्याण कोष में दंडात्मक हर्जाने के रूप में 25,000 रुपए जमा करने होंगे।