भारत में करीब हर नौकरीपेशा पर 25 लाख रुपये का कर्ज, भरने में हो रही दिक्कत
मुंबई- भारत का नौकरीपेशा वर्ग पहले के मुकाबले और ज्यादा कर्ज में डूबता जा रहा है। पिछले दो साल में कर्ज लेने वालों का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ गया है। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी करने वाले ज्यादातर लोगों के ऊपर 25 लाख रुपये तक का कर्ज है। यह आंकड़ा भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। मेट्रो शहरों में बिना कर्ज के जी रहे लोगों का आंकड़ा बहुत ही कम रह गया है। नौकरी करने वाली महिलाओं पर ज्यादातर कर्ज होम लोन का है।
नौकरी करने वाले सिर्फ 13.4 फीसदी लोग ही बिना कर्ज के जी रहे हैं। साल 2022 में यह आंकड़ा 19 फीसदी था। सर्वे से पता चला है कि पिछले दो सालों में कई नौकरी करने वाले लोगों ने किसी न किसी तरह का कर्ज लिया है। नौकरी करने वालों ने 25 लाख रुपये तक के लोन सबसे ज्यादा लिए हैं। ऐसे लोन लेने वालों का आंकड़ा अब 91.2 फीसदी हो चुका है।
पिछले साल तक यह आंकड़ा 88 फीसदी था. इस सर्वे में 22 से 45 वर्ष के 1,529 लोगों से सवाल किए गए थे। इस सर्वे में 6 मेट्रो शहर और 18 टियर 2 शहरों के लोग शामिल थे।
सर्वे के अनुसार, लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा नौकरी कर रहे लोग ही करते हैं। वर्कफोर्स में मौजूद 22 से 27 साल के युवा टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी रखते हैं। 28 से 34 साल के लोग घर और कार खरीदने के अलावा इंटरनेशनल ट्रेवल भी कर रहे हैं। तीसरा वर्ग 35 से 45 साल का है, जो कि आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत है।