उद्यमी बनना और खुद का कारोबार शुरू करना चाहती हैं कामकाजी महिलाएं
मुंबई। कामकाजी महिलाएं बड़ी संख्या में उद्यमी बनने और खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छुक हैं। एक सर्वे के मुताबिक, 76 प्रतिशत चाहती हैं कि वे अपना कारोबार शुरू करें। यह सर्वे 24-55 साल की उम्र की 10,000 से अधिक कामकाजी महिलाओं के बीच किया गया है।
सर्वेक्षण में शामिल 86 प्रतिशत कामकाजी महिला बजट, निवेश, बचत और अन्य वित्तीय साधनों जैसे क्षेत्रों में सीखना और कुशल बनना चाहती हैं। 68 प्रतिशत महिला उद्यमियों ने कहा कि वे अपनी कंपनी के खातों को स्वतंत्र रूप से प्रबंधित करती हैं। केवल 32 प्रतिशत ही इसके लिए पेशेवरों, परिवार के सदस्यों या पति पर निर्भर रहती हैं।
सर्वे के मुताबिक, 68.7 प्रतिशत कारोबारी महिलाएं या उद्ममी निवेश करती हैं। इसमें 79 फीसदी खुद निवेश का फैसला करती हैं। 21 प्रतिशत पति या माता-पिता की मदद से निवेश करती हैं। वेतन पाने वाली 51 प्रतिशत महिलाएं निवेश करती हैं।
महिलाएं भी तेजी से कर्ज ले रही हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, 2023 में कुल कर्ज में महिलाओं की हिस्सेदारी 30.95 लाख करोड़ रुपये रही है। 2022 के 26 लाख करोड़ की तुलना में यह 19 फीसदी बढ़ा है। कारोबारी और शिक्षा कर्ज को छोड़कर सभी सेगमेंट में महिलाओं के कर्ज में तेज बढ़त हुई है। उपकरोक्त दोनों कर्जों में 19 और एक फीसदी की गिरावट आई है।
महिलाओं के पर्सनल लोन में 52 फीसदी की तेजी आई है। इसका कुल आकार 12.76 लाख करोड़ रुपये रहा है। संपत्तियों के एवज में लिए गए कर्ज में 39 फीसदी की बढ़त आई है। पर्सनल लोन का औसत आकार 2023 में 80,000 रुपये रहा है जो 2022 में एक लाख रुपये था। हालांकि, बाकी कर्जों का औसत आकार बढ़ा है।