विदेश घूमना और पढ़ना हो जाएगा महंगा, जानिए क्या है इसके कारण  

मुंबई-अगर आप विदेश यात्रा करने के शौकीन हैं या दूसरे देशों में पैसा भेजते रहते हैं, तो अब आपका खर्चा बढ़ने वाला है। एक जुलाई से विदेश में पैसा भेजने पर लगने वाला टैक्स बढ़ जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। सरकार ने विदेशी यात्रा पर ज्यादा टैक्स लगाने के लिए इनकम टैक्स लॉ की धारा 206 सी में संशोधन किया है।  

एक जुलाई से ऐसे पेमेंट पर 20 फीसदी की दर से टीसीएस लगेगा। इस समय यह 5 फीसदी है। चिकित्सा और शिक्षा उद्देश्यों को छोड़कर किसी भी बाहरी रेमिटेंस के मामले में पूरे मूल्य पर 20 फीसदी का टीसीएस कटेगा। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत भारत से बाहर 7 लाख रुपये से ज्यादा की रकम भेजने पर 20% टीसीएस कटेगा। एक जुलाई 2023 से यह संशोधन लागू हो जाएगा। 

इस टैक्स के दायरे में विदेशी दौरों, विदेशी मुद्रा की खरीदारी, दोस्तों या रिश्तेदारों को विदेश में उपहार भेजना और विदेशी स्टॉक खरीदना आदि भी शामिल हैं। विदेश में पढ़ने वाले छात्रों के लिए शिक्षा संबंधी खर्च के मामले में यदि माता-पिता यह स्थापित करने में सक्षम हैं कि राशि शिक्षा के उद्देश्य के लिए है, तो कुल राशि 7 लाख रुपये से अधिक होने पर टीसीएस 5 फीसदी होगा। यदि राशि ट्यूशन फीस या छात्रावास के खर्च के लिए है, तो एजुकेशन लिंक स्थापित करना आसान है। लेकिन यदि छात्र विदेश में पढ़ाई के दौरान कैंपस से दूर किराए के आवास में रह रहा है तो यह आसान नहीं है। यदि एजुकेशन लिंक स्थापित नहीं किया जा सकता है, तो बिना किसी सीमा के 20 फीसदी का टीसीएस देना होगा। 

टैक्स भारतीय छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई की लागत में वृद्धि करेगा। इसका विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उच्च शिक्षा के लिए विदेश में और हम उन देशों में छात्रों की वरीयता में बदलाव देख सकते हैं, जहां शिक्षा की लागत तुलनात्मक रूप से कम है। यह देखा जाना बाकी है कि ये उपाय भारत में विदेशी निवेश के प्रवाह और विदेशों में उच्च शिक्षा के अवसरों की तलाश करने वाले भारतीय छात्रों की प्राथमिकताओं को कैसे प्रभावित करेंगे। 

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