शादियों में चोरी का सालाना 18 लाख रुपये का है पैकेज, ये है तरीका
मुंबई -शादी समारोह में चोरी करने के लिए मध्य प्रदेश में गैंग सक्रिय है। उसकी गैंग में 8 से 13 साल के बच्चे सबसे ज्यादा हैं। इनका काम किसी भी शादी में जाकर गहनों से भरा बैग पार करना होता है। इसके लिए बाकायदा इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। कैसे कपड़े पहनने हैं, किस तरह चलना है, किस तरह बात करनी है, कैसे बैठना है इन सब बातों को ट्रेनिंग में शामिल किया जाता है।
रहन-सहन का तरीका बेहतर हो, इसके लिए इन्हें लग्जरी गाड़ियों और फ्लाइट में लाया, ले जाया जाता है। ताकि वहां के माहौल को बारीकी से समझ सकें। ये खुलासा राजस्थान के बूंदी में पकड़े गए एक नाबालिग ने पुलिस के सामने किया है।
बूंदी के एक मैरिज गार्डन में 9 फरवरी को एक नाबालिग चोरी करते पकड़ा गया था। वह तीसरी क्लास तक पढ़ा है। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो होश उड़ाने वाली जानकारी सामने आई। नाबालिग 18 लाख रुपए सालाना के पैकेज पर गैंग में काम करता है। यह गैंग शादी समारोह से गहनों और रुपए से भरे बैग चोरी करता है। पैकेज की पूरी डील बच्चों के परिवार वालों से होती है।
एक गैंग में 8 से 10 मेंबर होते हैं। इनमें बच्चे ज्यादातर होते हैं। गैंग के मेंबर बच्चों को देशभर में लग्जरी कार, ट्रेन और हवाई सफर तक करवाते हैं, ताकि उनकी चाल-ढाल, बोल-चाल की स्टाइल बदल सके। इसके साथ ही उनको वारदात के नए तरीके सिखाए जाते हैं। शादी समारोह में ले जाकर चोरी करने के तरीके बताए जाते हैं।
ये गैंग मध्य प्रदेश बॉर्डर से सटे राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा वारदात करती है। पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया- नाबालिग से पूछताछ में तमाम ऐसी जानकारियां मिल रही हैं, जो पुलिस के लिए बिल्कुल नई हैं। नाबालिग ने पूछताछ में खुलासा किया कि अब तक इतनी वारदातें कर चुका है कि गिनती भूल गया है। तीसरी क्लास तक पढ़ा-लिखा यह लड़का बेहद शार्प है। उसने बताया कि उसके माता-पिता ने उसे 4 साल पहले शादी समारोह से बैग चोरी करने वाली गैंग को 18 लाख रुपए सालाना के पैकेज पर सौंप दिया था। तब से वह कई वारदातें कर चुका है।
साल पूरा होते ही पैकेज की रकम बच्चों के माता-पिता को सौंप दी जाती है। गिरोह के सदस्य पहले उस इलाके में रेकी कर टारगेट तय करते हैं। इसके बाद नाबालिग और उसके साथ गैंग के कुछ सदस्य सूट-बूट और अच्छे कपड़े पहनकर शादी समारोह में घुस जाते हैं। यहां नाबालिग रुपए या गहनों से भरा बैग पार कर गैंग के सदस्यों को दे देता है। इसके बाद वह खुद भी वहां से निकल जाता है। यात्रा के दौरान बच्चों के पास मेकअप सामग्री के साथ 10-12 जोड़ी कपड़े भी होते हैं। एक वारदात के दौरान पहने गए कपड़े दोबारा काम में नहीं लिए जाते हैं। होटल में रुकने पर पकड़े जाने का खतरा रहता है, जिससे बचने के लिए गैंग के मेंबर गाड़ी में ही सो जाते हैं।