चीनी खाते हैं तो जल्दी होंगे बूढ़े, समझिए इसका नुकसान कितना ज्यादा है  

मुंबई- करीब 2500 साल पहले भारत में पहली बार केमिकल की सहायता से रिफाइंड शुगर यानी चीनी का इस्तेमाल किया गया था। यहां से चीनी बनाने की तकनीक चीन, पर्शिया, इस्लामिक देश और मेडिटेरेनियन देशों तक पहुंची। 

मिडिल एज तक चीनी को एक दुर्लभ और महंगे मसाले के तौर पर देखा जाता था। हर घर में चीनी दिखती भी नहीं थी। इस समय भारत में एक व्यक्ति सालभर में औसतन 18 किलो चीनी तक इस्तेमाल कर लेता है। 

ज्यादा चीनी खाने से शरीर को इस तरह हो सकता है नुकसान… हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। डायबिटीज हो सकती है। अल्जाइमर का खतरा भी हो सकता है। दांत में कैविटीज की समस्या हो सकती है। चीनी का असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है। 

सेक्स हॉर्मोन में गड़बड़ी होती है जिससे सेक्स ड्राइव कम हो जाती है। चीनी खाने से वाइट ब्लड सेल्स 50 फीसदी तक कमजोर हो जाती है। इससे इम्यूनिटी वीक हो जाती है। अनिंद्रा की समस्या भी हो सकती है। नॉन अल्कोहल फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। इससे लिवर में फैट स्टोर हो जाता है। 

शरीर में ग्लूकोज की कमी होती है जिससे भूख ज्यादा लगती है। इससे वजन बढ़ सकता है। स्किन पर पिंपल्स और दाग-धब्बे हो सकते हैं। हर वक्त शरीर को सुस्ती और थकान महसूस होती है। 

जब आप अपने खाने-पीने से एडेड शुगर को एक तय समय तक लेना बंद कर देते हैं तो उसे शुगर डिटॉक्स कहते हैं। सरल भाषा में समझें तो जब आप चीनी या शक्कर खाने से परहेज करते है, आप कोई ऐसी चीज नहीं खाते-पीते जिसमें उपर से चीनी मिली होती है तो इसे ही शुगर डिटॉक्स कहते हैं। 

आपको न्यूट्रिशनल वैल्यू वाली चीजें खानी है। मीठा सोडा, केक, पेस्ट्री मिठाई, पैक्ड फ्रूट जूस और कुछ मसालों से बचना है। आप केचअप भी नहीं खा सकते हैं क्योंकि इसके एक बड़े चम्मच में 4 ग्राम चीनी है। इसलिए आप जो भी खाएं उसे इस लिहाज से चेक जरूर करें। चीनी खाना बंद करना या कम करना जितना सुनने में आसान लगता है उतना ही मुश्किल भरा काम है।  

जैसे ही लोग चीनी खाना छोड़ते हैं, उन्हें इसे खाने की तलब के साथ उसे छोड़ने से जुड़ी कुछ सिम्टम्स भी होने लगती है। इसके लक्षण ठीक वैसे ही होती है जैसे निकोटिन छोड़ने वालों में दिखती है। चीनी एक ऐसी चीज है जो मस्तिष्क या ब्रेन में डोपामाइन और ओपिओइड को रिलीज करने में मदद करती है। जैसे ही आप चीनी खाना कम करते हैं ब्रेन एक्स्ट्रा डोपामाइन और ओपिओइड के लिए तरसता है, इस वजह से कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं। 

चीनी शरीर में ग्लूकोज यानी ऊर्जा (एनर्जी) का एक अच्छा स्रोत है। अगर आप चीनी की जगह कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रट वाले आहार जैसे- ओट्स, फल, सब्जियां आदि खा रहे हैं, तो आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि आपका शरीर कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर सिंपल शुगर में बदल देता है, जिससे आपको एनर्जी मिल जाती है, लेकिन अगर आप इन्हें भी नहीं खाते हैं, तो चीनी छोड़ने के 5-7 दिन के अंदर आपका ब्लड प्रेशर सामान्य से कम हो जाता है। इसके अलावा फैट और इंसुलिन की मात्रा भी घट जाती है। 

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