आईपीओ से जुटाई गई रकम 32 फीसदी घटकर 35,456 करोड़ 

मुंबई। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिहाज से अच्छी नहीं रही। इस दौरान 14 कंपनियों ने आईपीओ से 35,456 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 32 फीसदी कम है। 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 25 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 51,979 करोड़ रुपये जुटाए थे।   

2022-23 की पहली छमाही के दौरान सार्वजनिक इक्विटी से सिर्फ 41,919 करोड़ रुपये जुटाए गए। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में जुटाए गए 92,191 करोड़ रुपये से 55 फीसदी कम है। उन्होंने कहा कि इस सुस्ती के बावजूद चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आईपीओ गतिविधियों में तेजी की उम्मीद है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, पहली छमाही में आईपीओ गतिविधियों में और सुस्ती आ सकती थी। लेकिन, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ ने हालात को संभाल लिया। सरकारी बीमा कंपनी ने आईपीओ के जरिये 20,557 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसकी अप्रैल-सितंबर, 2022 के दौरान आईपीओ से जुटाई गई कुल रकम में 58 फीसदी हिस्सेदारी रही थी। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.75 लाख करोड़ रुपये के आईपीओ पाइपलाइन में हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 71 कंपनियों के आईपीओ लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन आईपीओ के जरिये कंपनियों की 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसके अलावा, 70,000 करोड़ रुपये के 43 अन्य प्रस्तावों को बाजार नियामक की मंजूरी का इंतजार है। इस तरह, कुल 114 आईपीओ लाने की तैयारी चल रही है। इनमें 10 आईपीओ नए दौर की प्रौद्योगिकी कंपनियों के हैं। इन कंपनियों ने करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। 

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