नहीं रहे अरबपति पलोनजी मिस्त्री, बनाया था ओमान के सुल्तान का महल   

मुंबई। देश के सबसे प्रतिष्ठित कारोबारी घरानों में शामिल शापूरजी पलोनजी समूह के चेयरमैन पलोनजी मिस्त्री का मंगलवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। 1929 में जन्मे टाटा समूह के सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक (18.4 फीसदी) पलोनजी मिस्त्री 1.02 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक थे। 

कारोबार जगत में योगदान के लिए उन्हें 2016 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था। फोर्ब्स की ताजा सूची के मुताबिक, वह दुनिया के अमीरों में 143वें स्थान पर थे। पलोनजी मिस्त्री का अंतिम संस्कार बुधवार को मुंबई में किया जाएगा। 

शापूरजी पलोनजी समूह का कारोबार उनके दादा ने 150 साल पहले 1865 में शुरू किया था। इस घराने ने 1920 में टाटा समूह के साथ मिलकर कारोबार शुरू किया था। पलोनजी मिस्त्री 1947 में महज 18 साल की उम्र में ही पारिवारिक कारोबार से जुड़े और 1970 के दशक में अबूधाबी, दुबई एवं कतर में इसका विस्तार किया। इसी समूह ने ओमान के सुल्तान के लिए नीला और सुनहरा अल आलम महल का निर्माण किया था। 

दशकों से कई ऐतिहासिक इमारतें आज मुंबई की पहचान हैं, जिन्हें शापूरजी पलोनजी समूह ने बनाया था। पलोनजी मिस्त्री की देखरेख में ही मुंबई में आरबीआई की बिल्डिंग बनी थी। इनकी शुरुआती परियोजनाओं में ओबरॉय होटल, होटल ताज महल, ब्रेबोर्न स्टेडियम, मुंबई सेंट्रल स्टेशन, हांगकांग बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, एचएसबीसी बैंक और मुंबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण भी शामिल हैं। बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने वाला यह समूह अब भी मुंबई के कुलाबा में एक छोटी इमारत से कारोबार चलाता है। 

शापूरजी पलोनजी समूह का कारोबार भारत के अलावा एशिया के अन्य देशों से लेकर अफ्रीका तक फैला हुआ है। समूह की मौजूदगी इंजीनियरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पानी, ऊर्जा और फाइनेंशियल सर्विसेज क्षेत्र में है। अगल-अलग कंपनियों में इस समूह के लिए 70,000 कर्मचारी काम करते हैं। 

पलोनजी मिस्त्री को शायद ही कभी किसी सार्वजनिक स्थानों पर देखा जाता था। इसलिए उन्हें दुनिया का सबसे गुमनाम अरबपति कहा जाता था। टाटा समूह के मुंबई स्थित मुख्यालय बॉम्बे हाउस में उनके रुतबे को देखते हुए उन्हें फैंटम के नाम से जाना जाता था। पलोनजी के पिता ने 1960 में मुगल-ए-आजम फिल्म का निर्माण किया था। 

पारसी परिवार में जन्मे पलोनजी मिस्त्री ने आयरिश महिला से शादी करने के बाद 2003 में आयरलैंड की नागरिकता ले ली थी। हालांकि, उनका अधिकतर समय भारत में बीतता था। उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे शापूर मिस्त्री, सायरस मिस्त्री, लैला और अल्लू हैं। साइरस मिस्त्री नवंबर, 2011 से अक्तूबर, 2016 तक टाटा संस के चेयरमैन रहे।  

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