जुलाई से नए फंड की तैयारी में म्यूचुअल फंड, सेबी ने लगाया था प्रतिबंध
नई दिल्ली। एक जुलाई से म्यूचुअल फंड नए फंड की लॉन्चिंग कर सकेंगे। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अप्रैल में फंड हाउसों को नए फंड लॉन्च करने पर 3 महीने का प्रतिबंध लगा दिया था। यह सीमा इसी 30 जून को खत्म हो रही है।
असेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) फिक्स्ड इनकम के पैसिव फंडों की लॉन्चिंग पर जोर दे रही हैं। पूल खातों के बढ़ते प्रचलन के कारण सेबी ने फंड हाउसों को कहा था कि पहले इस समस्या का समाधान करें फिर नए फंड लेकर आएं। पूल खातों का मतलब यह था कि फंड हाउसों के जो वितरक या बिचौलिये होते थे, वे अपने नाम से ही बैंक खाता खोलते थे और उसी में निवेशक के पैसे ले लेते थे। फिर इसे फंड हाउसों के पास भेजते थे।
अब एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एंफी) ने यह आश्वासन सेबी को दिया है कि यह प्रक्रिया बंद हो चुकी है। इसके बाद सेबी नए फंड के लिए मंजूरी दे सकता है। सेबी ने पिछले साल अक्तूबर में ही म्यूचुअल फंड कंपनियों को कहा था कि यह रवैया सही नहीं है और इसे बंद करना चाहिए। निवेशकों के पैसे सीधे फंड हाउसों के खाते में जाना चाहिए। इसके बाद कई बार इसकी तारीख में बदलाव भी हुआ। लेकिन बात न बनते देख नए फंड की लॉन्चिंग पर ही रोक लगा दी गई।
सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, पांच फंड हाउसों ने सेबी के पास नए फंड को लाने के लिए आवेदन किया है। पिछले हफ्ते सुंदरम, बड़ौदा बीएनपी पारिबा, एलआईसी, फ्रैंकलिन टेंपल्टन और एक्सिस म्यूचुअल फंड ने नए फंडों के लिए आवेदन किया है। इसमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के एनएफओ हैं। कई और सारे फंड भी आवेदन करने की तैयारी में हैं। इनमें सचिन बंसल की नावी, एनजे और सैमको हैं। इसके अलावा अप्रैल और मई में 15 स्कीमों के लिए फंड हाउसों ने आवेदन दिया था।
2022-23 में केवल 4 नए फंड ऑफर (एनएफओ) पेश किए गए। इनके जरिये फंड हाउसों ने 3,307 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसमें से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने ही अकेले 3,159 करोड़ रुपये हाउसिंग अपोर्च्युनिटीज फंड के जरिए जुटाए थे। 2021-22 में फंड हाउसों ने 176 नए फंड जारी कर 1.08 लाख करोड़ रुपये बटोरे थे। उसके पहले के साल में 84 एनएफओ से 42,308 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।