LIC आईपीओ में FDI के 20% निवेश को मिली मंजूरी, मार्च में आएगा इश्यू
मुंबई- केंद्रीय कैबिनेट ने LIC में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी है। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब ऑटोमैटिक रूट से LIC में 20% तक FDI की इजाजत होगी। FDI की मौजूदा पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है। FDI की मंजूरी से फॉरेन फंड देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के IPO में पैसे लगा सकेंगे।
सेबी के नियमों के अनुसार IPO के तहत फॉरेने पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट (FPI) और फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) की इजाजत है। लेकिन, चूंकि LIC एक्ट में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए इसके IPO में फॉरेन फंड्स इनवेस्ट नहीं कर पाते। कैबिनेट के FDI पॉलिसी में बदलाव करने के बाद अब फॉरेन फंड LIC के IPO में पैसे लगा सकेंगे।
अभी FDI की जो पॉलिसी है, उसके मुताबिक इंश्योरेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक रूस से 74% विदेशी निवेश की इजाजत है। लेकिन, यह रूल LIC पर लागू नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि LIC के लिए सरकार का अलग एक्ट है, जिसे LIC Act कहा जाता है। अब सरकार ने इसमें बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सरकारी बैंकों में FDI की लिमिट 20% है। इसलिए LIC के लिए भी 20% की लिमिट रखी गई है। सूत्रों ने बताया कि FDI की इजाजत से LIC के IPO में फॉरेन इनवेस्टर्स अच्छी दिलचस्पी दिखा सकते हैं। FDI का मतलब होता है फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश। विदेश की कोई कंपनी यदि भारत की किसी कंपनी में सीधे पैसा लगा दे तो उसे FDI कहेंगे।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी सबसे बड़े IPO की तैयारी में है। माना जा रहा है कि इसका इश्यू 10 मार्च को खुल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में LIC मर्चेंट बैंकर्स और अन्य संबंधित पक्षों से बात कर रही है। कंपनी 60-65 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है।