ऑनलाइन गेम पर पॉलिसी बनाने से हो सकती है अड़चन, इंडस्ट्री ने किया विरोध 

मुंबई- देश में इस समय ऑन लाइन गेमिंग को एक पॉलिसी के तहत रेगुलेट करने की बात हो रही है। ऐसे में इस सेक्टर को इससे नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि वित्तवर्ष 2023 तक यह मार्केट 15 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है।  

अर्नेस्ट एंड यंग अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। इसमें 340 से अधिक कंपनियां हैं जो सक्रिय रूप से ऑनलाइन कौशल (skill) को ऑफर कर रही हैं। वर्तमान में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।  

दरअसल हाल में मध्यप्रदेश में एक 11 साल के बच्चे ने आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद से ऑन लाइन गेमिंग को रेगुलेट करे के लिए तैयारी हो रही है। पर इस इंडस्ट्री के लोगों का मानना है कि यह सीधे तौर पर गलत होगा। अगर इसे रेगुलेट करना है तो इसके लिए इंडस्ट्री के विकास को प्रोत्साहित किया जाए और ऐसी नीतियां बनाकर इस इंडस्ट्री को डेवलप करना चाहिए। 

अब मध्य प्रदेश भी तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के लीग में शामिल हो सकता है जिन्होंने ऐसी नीतियां लाई हैं। तमिलनाडु और केरल के मामलों में, स्थानीय हाईकोर्ट ने संबंधित राज्यों द्वारा ऑनलाइन गेमिंग को गवर्न करने के फैसले को मनमाना और अवैध बताया है। डॉ लक्ष्मण बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कौशल का खेल सट्टेबाजी या जुआ नहीं है।  


मध्य प्रदेश जैसे विकासशील राज्य के लिए यह मामला काफी दिलचस्प हो गया है। यह बताना तर्कसंगत है कि इस तरह के प्रतिगामी कानूनों (retrospective laws) ने दरअसल भारतीय ऑनलाइन गेमिंग बिजनेस को बाधित ही किया है, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘यूनिकॉर्न’ के रूप में जाना जाता है।  

एक प्रमुख वायर एजेंसी ने बताया था कि 2020 में, 11 आईएसएल क्लबों में से सात सट्टेबाजी कंपनियों के साथ स्पॉन्सर शिप में हैं, जिसमें डाफा न्यूज, परी मैच न्यूज, SBOTOP.net और Indinews जैसे नाम शामिल हैं। दरअसल, आत्महत्या करने वाले 11 साल के लड़के के मामले में वा एक ऑनलाइन बैटल रॉयल-स्टाइल वीडियो गेम खेल रहा था, जिसकी भारत में कोई कॉर्पोरेट पहचान नहीं है। 

मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल है जहां देश में सबसे अधिक आत्महत्याएं दर्ज की गई हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में साल 2020 में कुल 14,578 लोगों ने आत्महत्याएं कीं। इनमें ज्यादा संख्या किसानों या खेतिहर मजदूरों की थी। इन्होंने बड़े पैमाने पर जानलेवा कर्ज ले रखा था। ऐसे में 11 साल के बच्चे की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या ने अलग बखेड़ा खड़ा किया है। 

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु के 11,396 छात्रों ने 2020 में आत्महत्या की। इनमें आत्महत्याओं की सबसे अधिक संख्या प्रेम संबंधों के कारण थी। इसके बाद मानसिक बीमारी और परीक्षा में असफलता बड़े कारण थे। यदि ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करना महत्वपूर्ण समझा जाता है, तो इससे पहले प्रेम (love) को रेगुलेट करने के लिए नीति बनाना और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे ज्यादा युवकों की जान जा रही है।  

इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन मटका, सट्टेबाजी और जुआ की वेबसाइट्स बेरोकटोक जारी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कानून में कोई भी बदलाव उन संस्थाओं के लिए लागू नहीं किया जा सकता है जो भारत में रजिस्टर्ड नहीं हैं। ऑनलाइन गेमिंग के लिए कोई भी नीति यदि विभिन्न उद्योगों के विशेषज्ञों से परामर्श के बिना बनाई जाती है तो केवल कानूनी रूप से सही भारतीय ऑपरेटर्स को नुकसान पहुंचाएगी।  

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