जानिए, कैसे मुलायम सिंह यादव से साधना गुप्ता का शुरू हुआ इश्क

मुंबई- अपर्णा यादव के भाजपा में जाने से सपा नेता अखिलेश यादव के लिए एक बार फिर से दिक्कतें शुरू हो गई हैं। चुनावी मौसम में यह बातें अखिलेश के लिए काफी घाव देती रहेंगी। मामला मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता है, जो कभी कभार उभर जाता है।

मुलायम सिंह यादव तब 43 साल के थे, जब साधन गुप्ता उनके जीवन में प्रवेश कीं। तब समाजवादी पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था। औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी राजनीति में कुछ करना चाहती थी और कुछ राजनीतिक कार्यक्रमों में आई। उसी दरमियान मुलायम की आंखें उससे टकराईं। उस लड़की का नाम है- साधना गुप्ता। इसका हालांकि सबसे ज्याद राज अमर सिंह जानते हैं, पर वो अब नहीं हैं।

कहा जाता है कि मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ती देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की। मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया। साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी। मुलायम इसी बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की रिलेशनशिप शुरू हो गई। तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे।

साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है। उन्होंने किसी से कहा नहीं। कहते भी कैसे- मुलायम के घर में पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश थे। इस वजह से साधना अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग रहने लगीं। उनकी गोद में एक बच्चा था। मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिला दिया।

साल 1988 में पहली बार मुलायम ने ही, अखिलेश को साधना गुप्ता से मिलवाया। तब वो 15 साल के थे। उसी वक्त अखिलेश को साधना अच्छी नहीं लगीं। एक बार तो साधना ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। कुछ समय बाद उन्हें पढ़ाई के लिए पहले इटावा, फिर धौलपुर राजस्थान भेज दिया। विश्वनाथ चतुर्वेदी ने मुलायम के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। पूछा कि 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों का मालिक कैसे बन गया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा, CBI, मुलायम की जांच करो। जांच शुरू हुई। 2007 तक पुराने पन्ने खंगाले गए, उसी में कुछ जानकारियां सामने आईं।

मुलायम की एक और बीवी और एक और बच्चा भी है। आज से नहीं 1994 से। 1994 में प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में अपने परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह का ऑफिशियल ऐड्रैस लिखा था। मां का नाम साधना गुप्ता और पिता का एमएस यादव लिखा था। 2000 में प्रतीक के गार्जियन के तौर पर मुलायम का नाम दर्ज हुआ था। 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था।

सच तो ये है कि सही तरीके से साधना मुलायम की जिंदगी में आईं 1988 में और 1989 में मुलायम UP के CM बन गए। तब से वह साधना को लकी मानने लगे। 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है।

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