एलआईसी पहली बार करेगी ढेर सारी खुफिया जानकारी का खुलासा, जानिए क्या-क्या आएगा सामने

मुंबई- एलआईसी इसी महीने के अंत तक आईपीओ के लिए सेबी के पास मसौदा जमा कराने की तैयारी में है। यह पहली बार होगा, जब यह कंपनी कई सारे खुलासे इस मसौदे में करेगी। इसका बहुत ज्यादा असर भी हो सकता है।  

दरअसल इसमें फाइनेंशियल डेटा के अलावा जो प्रमुख खुलासे होंगे वे इसके निवेश से संबंधित होंगे। साथ ही एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में पैसा लेकर लोन देने जैसी घटनाएं भी सामने आएंगी। इसके तमाम कोर्ट के मामले और अन्य मामले आएंगे। इसमें एजेंट के कमीशन से लेकर काफी सारी जानकारियां पहली बार आएंगी।  

सूत्रों के मुताबिक, सेबी के पास जमा मसौदे में ऐसे-ऐसे खुलासे आएंगे, जिसे अभी तक कंपनी देने से परहेज करती थी। इसकी काफी आंतरिक जानकारियां भी सामने आएंगी, जिसका सीधे शेयर बाजार पर असर दिखेगा। देश के सबसे बड़े लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी हो रही है। इसे लेकर लगातार देश के प्रमुख अखबारों में पहले पन्ने पर विज्ञापन दिए जा रहे हैं ताकि इसके 25 करोड़ से अधिक पॉलिसीधारक एलआईसी की हिस्सेदारी खरीद सकें।  

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक एलआईसी का आईपीओ एक तरह से भारत के लिए अरामको मोमेंट साबित हो सकता है। अरामको दिग्गज गल्फ तेल कंपनी है जिसकी 2940 करोड़ डॉलर (2.19 लाख करोड़ रुपये) की लिस्टिंग दुनिया में सबसे बड़ी है। एलआईसी के आईपीओ का प्रॉस्पेक्टस 31 जनवरी से शुरू होने वाले इस महीने के आखिरी हफ्ते में बाजार नियामक सेबी के पास दाखिल हो सकता है।  

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिस्टिंग के लिए मार्च तक की डेडलाइन सेट की है। एलआईसी की 2 हजार से अधिक शाखाएं और 1 लाख से अधिक एंप्लाई हैं। एलआईसी के पास करीब 50 हजार करोड़ डॉलर (37.20 लाख करोड़ रुपये) के एसेट्स हैं और इसकी वैल्यू करीब 15.12 लाख करोड़ रुपए है। आईपीओ के जरिए एलआईसी 80 हजार से एक लाख करोड़ रुपए तक जुटा सकती है।  

एक तरह से दुनिया की तीसरी बड़ी बीमा कंपनी होगी। आईपीओ के बाद इसमें सरकार की कम से कम 5 फीसदी हिस्सेदारी कम हो सकती है। बीलैंड इंटेरेस्ट्स इंक एंड रोजर्स होल्डिंग्स के चेयरमैन जेन्स बीलैंड रोजर्स के मुताबिक लिस्टिंग के बाद भारत की वैश्विक छवि बदल सकती है। रोजर्स पिछले कुछ दशकों से उभरते बाजारों में निवेश कर रहे हैं. यह आगामी चुनावों से पहले पीएम मोदी की मार्केट-ओरिएंटेड रिफॉर्मर की छवि को मजबूत कर सकती है और बजट घाटे को भी कम करने में मदद कर सकती है। 

एलआईसी के आईपीओ को लेकर एक चुनौती विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की है। लिस्टिंग को मैनेज कर रहे दस बैंकर्स जीआईसी आरई, कनाडा पेंशन प्लान इंवेस्टमेंट बोर्ड, ब्लैकरॉक इंक और अबू धाबी इंवेस्टेंट अथॉरिटी समेत लगभग सभी लार्ज फंड्स से इसे लेकर बातचीत की है। निवेशकों के मन में आईपीओ को लेकर ये सवाल हैं कि क्या लिस्टिंग के बाद एलआईसी को अधिक स्वायत्तता मिलेगी। 

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