TCS 12 जनवरी को कर सकती है शेयर्स के बायबैक की घोषणा

मुंबई- सूचना एवं प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के बोर्ड की मीटिंग 12 जनवरी को होगी। इसमें कंपनी शेयरधारकों से शेयर्स के बायबैक (फिर से खरीदी) की घोषणा कर सकती है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में TCS ने कहा है कि वह इस पर विचार कर सकती है। TCS का शेयर 24 मार्च 2020 को 1200 रुपए पर था। अब यह 3,854 रुपए पर है।

ऐसा अनुमान है कि देश की IT कंपनियां इस बार भी अच्छा रिजल्ट पेश कर सकती हैँ। इनका रिजल्ट अगले हफ्ते से शुरू होगा। 12 जनवरी को TCS खुद का रिजल्ट पेश करेगी। बिजनेस के पटरी पर आने से ग्लोबल क्लाइंट्स अपने बिजनेस को बदलने के लिए टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहे हैं। इससे कंपनियों को ज्यादा फायदा कमाने का अवसर मिल रहा है।

के.आर. चौकसी ब्रोकरेज हाउस ने इस शेयर का लक्ष्य 4,200 रुपए का रखा है। यानी 10% का रिटर्न इसमें इस महीने में मिल सकता है। पिछले साल TCS ने 5.33 करोड़ शेयर खरीदा था। यह खरीद 3 हजार रुपए प्रति शेयर के भाव पर हुई थी। इसमें टाटा संस ने 3.33 करोड़ शेयर बेचे थे। TCS ने 18 दिसंबर 2020 को यह बायबैक शुरू किया था और 1 जनवरी 2021 को बंद हुआ था। इसमें उसने 16 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे।

इससे पहले कंपनी ने 2018 और 2017 में भी इसी तरह से शेयर्स का बायबैक किया था। पिछले तीन बार में शेयर की फिर से खरीदी पर इसने 48 हजार करोड़ रुपए खर्च किया था। वित्तवर्ष 2020 से इंफोसिस ने भी यही रास्ता अपनाया है। इंफोसिस ने कहा कि वह पांच साल में बायबैक पर अपने फ्री कैश का 85% हिस्सा खर्च करेगी। इसमें डिविडेंड भी शामिल होगा। अगस्त 2019 में इसने 1.10 करोड़ शेयर्स को खरीदा था और इस पर 8,260 करोड़ रुपए खर्च किया था।

दिसंबर 2017 में इसने 1.13 करोड़ शेयर खरीदने पर 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किया था। सितंबर 2021 में इंफोसिस ने 9,200 करोड़ रुपए खर्च किए और इसके एवज में 5.58 करोड़ शेयर खरीदा था। इसके लिए प्रति शेयर का औसत भाव 1,643.53 रुपए आया था। विप्रो ने भी इसी तरह से जनवरी 2021 में 9,500 करोड़ रुपए में 23.7 करोड़ शेयर खरीदे थे। HCL टेक ने 2018 में 4 हजार करोड़ रुपए का शेयर वापस खरीदा था। पांच साल में चार बार कंपनी ने शेयर बायबैक किया है।

पिछले साल इसने 16 हजार करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे। इसमें टाटा संस ने 10 हजार करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। टीसीएस को दूसरी तिमाही में 9,624 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। रेवेन्यू 46,867 करोड़ रुपए था। बायबैक का मतलब यह हुआ कि कंपनियों के पास जब नकदी होती है, तब वे बाजार से शेयर खरीदती हैं। इससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ जाती है और पब्लिक की हिस्सेदारी कम हो जाती है। सीधे तौर पर कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी बढ़ाने और नकदी का सही उपयोग करने के लिए यह काम किया जाता है। HCL का रिजल्ट 14 जनवरी को आएगा, जबकि इंफोसिस, विप्रो और TCS 12 जनवरी को दिसंबर तिमाही का रिजल्ट जारी करेंगी।

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