RBI जनवरी 2022 से नहीं लागू करेगा टोकेनाइज सिस्टम, 6 महीने बढ़ाया समय
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड पेमेंट के टोकेनाइजेशन को 6 महीने के लिए आगे खिसका दिया है। इसके पहले इसे एक जनवरी 2022 से शुरू किया जाना था। अब यह जून के बाद लागू किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
इसने कहा कि मर्चेंट्स अब जून तक कार्ड के डेटा को स्टोर कर सकते हैं। आदेश को आगे इसलिए बढ़ाया गया, क्योंकि मर्चेंट्स ने इसके लिए समय मांगा था। RBI ने कहा कि तमाम रिप्रजेंटेशन को मिलने के बाद यह फैसला किया गया है कि कार्ड ऑन फाइल के स्टोर करने के समय को 6 महीने बढ़ाया जाएगा।
रिजर्व बैंक ने इसी के साथ इंडस्ट्री को कहा है कि वह ग्राहकों के डेटा को स्टोर करने से बचे और इसके लिए मैकेनिज्म का निर्माण करे। मार्च 2020 में सेंट्रल बैंक ने कहा था कि ऑन लाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए ग्राहकों के कार्ड के डेटा को स्टोर न किया जाए। इसके लिए जून 2021 तक का समय दिया गया था। हालांकि, इंडस्ट्री ने समय बढ़ाने की मांग की तो इसे जनवरी तक बढ़ाया गया। पर अब एक बार फिर इसे बढ़ाने की इंडस्ट्री की मांग पूरी हो गई है।
दरअसल, ऑनलाइन पेमेंट के लिए अब टोकन सिस्टम लाए जाने की योजना है। इसके तहत कार्ड के जरिए ट्रांजेक्शन में कार्ड जारी करने वाले बैंक या कार्ड नेटवर्क के अलावा कोई अन्य वास्तविक कार्ड डेटा स्टोर नहीं करेगा। ट्रांजेक्शन ट्रैकिंग या विवाद की स्थिति में समझौते के लिए पेमेंट एग्रीगेटर सीमित डेटा स्टोर कर सकेंगे। वास्तविक कार्ड नंबर और कार्ड जारीकर्ता के नाम के आखिरी 4 अंक तक स्टोर करने की छूट होगी। अन्य जानकारी कोई भी पेमेंट एग्रीगेटर नहीं रख सकेगा।
ऑनलाइन पेमेंट करते समय अभी आपको सिर्फ CVV नंबर डालना होता है। इसका मतलब ये हुआ कि ई कॉमर्स वेबसाइट के पास आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी पहले से स्टोर है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ई कॉमर्स वेबसाइट्स आपके कार्ड की जानकारी स्टोर करके नहीं रख सकती है। इसकी जगह पर पेमेंट ‘टोकन सिस्टम’ के जरिए होगा।
आपको अपने कार्ड की डिटेल्स किसी भी थर्ड पार्टी ऐप के साथ शेयर नहीं करनी पड़ेगी। अभी ऐसा नहीं है, अभी अगर आप ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं या कैब बुक करते हैं तो आपको कार्ड की डिटेल देनी होती है और यहां ग्राहक के कार्ड की पूरी डिटेल्स सेव हो जाती है। जहां फ्रॉड होने का खतरा बना रहता है। टोकन सिस्टम से ऐसा नहीं होगा।
आसान भाषा में इसे समझें तो टोकन में आपको अपनी कार्ड डिटेल्स को डालने की जरूरत नहीं होती है, इसकी जगह पर एक यूनीक ऑल्टरनेट नंबर होता है जिसे ‘टोकन’ कहते हैं, जो आपके कार्ड से लिंक होता है। जिसके इस्तेमाल से आपकी कार्ड डिटेल्स सुरक्षित रहती है। मतलब जब आप किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट, जैसे- अमेजॉन या फ्लिपकार्ट पर शॉपिंग के बाद पेमेंट करेंगे तो आपको अपना 16 अंकों का कार्ड नंबर नहीं डालना होगा उसकी जगह पर टोकन नंबर डालना होगा।
डेबिट और क्रेडिट दोनों कार्डधारकों को ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए हर बार अपने कार्ड के 16 अंकों के नंबर को दर्ज करने की जरूरत हो सकती है। फिलहाल ऐसा नियम है कि आपने एक बार पेमेंट कर दिया, तो दूसरी बार आपको केवल कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू (CVV) और वन टाइम पासवर्ड (OTP) ही देना होता है। इसके बाद आपका पेमेंट हो जाता है।
जानकारों के मुताबिक, RBI की नई नीतियों का ड्राफ्ट ग्राहक सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। हालांकि, मौजूदा सिस्टम ठीक-ठाक लगता है, पर इससे कई बार नियमों का उल्लंघन होता है। साथ ही साइबर खतरे भी बने रहते हैं, क्योंकि ग्राहक के कार्ड की जानकारी उनके सिस्टम पर रहती है जो सीधे RBI की निगरानी में नहीं है।