डाटा पार्टनर्स ने 8 दिन में दिया 48% का फायदा, 33 कंपनियों को मिली IPO की मंजूरी
मुंबई- डाटा पार्टनर्स ने निवेशकों को 8 दिन में 48% का फायदा दिया है। इसका शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर 864 रुपए पर लिस्ट हुआ, जबकि IPO में 585 रुपए का भाव रखा गया था। ग्रे मार्केट में इसका स्टॉक 320-325 रुपए के प्रीमियम पर कारोबार कर रहा था और उसी के करीब यह लिस्ट हुआ है। रिटेल निवेशकों ने अपने हिस्से का 23 गुना निवेश किया था।
सेबी से अब तक 35 कंपनियों को इश्यू लाने की मंजूरी मिल चुकी है। यह कंपनियां 50 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती हैं। इसके साथ ही कुल 33 कंपनियों ने 60 हजार करोड़ रुपए जुटाने के लिए सेबी के पास मसौदा जमा कराया है। इस हफ्ते हर दिन एक शेयर की लिस्टिंग हुई थी। सोमवार से शुक्रवार के बीच कुल 5 कंपनियों के शेयर लिस्ट हुए। इसमें से कुछ घाटे में रहे तो कुछ फायदे में रहे।
मेडप्लस की लिस्टिंग कल हुई थी। इसका इश्यू का भाव 795 रुपए था जबकि लिस्टिंग 1,120 रुपए पर हुई थी। यानी इसमें 41% का रिटर्न निवेशकों को मिला था। जबकि मेट्रो ब्रांड और श्रीराम प्रॉपर्टीज ने घाटा दिया था। CE इंफो का शेयर 35% ऊपर लिस्ट हुआ था। रेटगेन का शेयर पिछले हफ्ते लिस्ट हुआ था और इसने 20% का घाटा दिया।
डाटा पार्टनर्स का शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 47.69% ऊपर 864 पर लिस्ट हुआ। इसका IPO 14 से 16 दिसंबर के बीच खुला था। कंपनी ने IPO से 588 करोड़ रुपए जुटाए थे। IPO में इसका भाव 555 से 585 रुपए था। अलॉटमेंट के दौरान इसका अंतिम मूल्य 585 रुपए तय किया गया। इसे 120 गुना का रिस्पांस मिला था। संस्थागत निवेशकों (QIB) का हिस्सा 191 गुना और हाई नेटवर्थ निवेशकों (HNI) का हिस्सा 254 गुना भरा था।
डाटा पार्टनर्स डिफेंस और एरोस्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की कंपनी है। इसके पास मजबूत ऑर्डर बुक है। चेन्नई की इस कंपनी के पास डिफेंस के सभी स्पेक्ट्रम के प्रोडक्ट हैं।
इस साल जनवरी से लेकर अब तक कुल 63 कंपनियां बाजार में आई हैं। यह सभी मिलाकर बाजार से 1.19 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। 2020 की तुलना में यह आंकड़ा 4.5 गुना ज्यादा है। 2020 में कुल 15 कंपनियों ने 26,613 करोड़ रुपए जुटाए थे। हालांकि IPO के अलावा अन्य रास्तों से जो रकम जुटाई गई है, उसे मिला दें तो कुल 2.17 लाख करोड़ रुपए इस साल जुटाए गए हैँ। 2020 में कुल रकम 1.85 लाख करोड़ रुपए की जुटाई गई थी।
साल 2017 में अब तक सबसे ज्यादा 75 हजार करोड़ रुपए की रकम जुटाई गई थी। सबसे कम रकम न्यूरेका ने जुटाया जो 100 करोड़ रुपए था। स्टार हेल्थ ने 7,249 करोड़ रुपए जुटाया जो इस साल का सबसे बड़ा इश्यू था। पेटीएम ने अब तक का सबसे बड़ा इश्यू लाया जिसके जरिए उसने 18,300 करोड़ रुपए जुटाए। जबकि जोमैटो ने 9,375 करोड़ रुपए जुटाए थे।