पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बोगस लाभ लेने की आशंका, होगी जांच

मुंबई– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बड़े पैमाने पर बोगस लाभ लेने की आशंका है। खबर है कि सरकार अब इस तरह के लोगों की जांच करेगी। यह जांच पैन कार्ड के जरिए की जाएगी। इस जांच के बाद सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी कर सकती है। साथ ही आगे से बोगस लाभ लेने वाले इस योजना से बाहर हो सकते हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल के समय में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ढेर सारे ऐसे लोगों ने लाभ लिया है जो इस दायरे से बाहर हैं। यानी वे इनकम टैक्स भरते हैं और उनकी आय भी ज्यादा है। वे किसान के नाम पर कुछ खेतों के मालिक हैं। खबर है कि इसकी जानकारी आने पर सरकार ने नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। लाभ लेने वालों में ढेर सारे किसान फर्जी पाए गए हैं।  

किसान योजना से उन लोगों को बाहर रखा गया है जो टैक्स भरते हैं। यानी आप आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो आप इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। साथ ही वे लोग जो सरकारी कर्मचारी हैं, रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं या फिर ग्रुप डी सरकारी कर्मचारी हैं। इसमें किसी भी प्रोफेशनल को भी शामिल नहीं किया गया है। डॉक्टर, वकील, सीए, जनप्रतिनिधि, पूर्व सांसदों को शामिल नहीं किया गया है।  खबर है कि जिन लोगों ने किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लिया है उसमें रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी और कुछ वर्तमान में भी सरकारी कर्मचारी हैं। सरकार ऐसे लोगों की पहचान कर रही है और उनके पैनकार्ड से उनकी जांच करेगी। केंद्र सरकार राज्य सरकार से ऐसे किसानों की पहचान के लिए एक सिस्टम बनाने की बात कर रही है।  

जानकारी के मुताबिक सरकार एक मैकेनिज्म बनाकर किसानों की पहचान करेगी। इस पहचान से सम्मान निधि की राशि उन्हें ही मिलेगी जो इसके हकदार हैं या इसके दायरे में हैं। सरकारी विभाग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डेटा शेयर करने के लिए पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम को पत्र लिखा है। वहां से डेटा मिलते ही ऐसे लोगों की जांच शुरू हो जाएगी। 

माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने किसान बनकर इस योजना का लाभ लिया है। इसी के साथ ही कृषि विभाग और इनकम टैक्स विभाग मिलकर इस तरह के लोगों की सूची बना रहे हैं। इससे पता चलेगा कि कितने लोग इनकम टैक्स भर रहे हैं और कितने लोग इस सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। इस योजना के तहत चार महीने में 2000 रुपए किसानों को दिए जाते हैं। साल भर में तीन किश्तों के तहत कुल 6 हजार रुपए दिए जाते हैं।  

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