रेटिंग अपग्रेड के लिए भारत मूडीज से कर सकता है बात

मुंबई- वित्त मंत्रालय देश की रेटिंग को अपग्रेड करने के लिए कोशिश कर रहा है। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेस से इस बारे में 28 सितंबर को वित्त मंत्रालय की बात होने की उम्मीद है। मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को पिछले साल जून में घटा दिया था। उस समय कोरोना के पहले चरण की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होने की आशंका थी। इसी वजह से मूडीज ने रेटिंग को Baa2 से घटाकर Baa3 कर दिया था।  

मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के बजट टार्गेट से लेकर अन्य रिकवरी की पूरी डिटेल रेटिंग एजेंसी को मुहैया कराएगा। इसके बाद रेटिंग एजेंसी रेटिंग अपग्रेड के बारे में सोच सकती है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी रेटिंग एजेंसी से देश की रिकवरी को देखते हुए रेटिंग अपग्रेड के लिए कह सकते हैं।  

मूडीज ने पिछले साल कोविड-19 की वजह से लंबी अवधि में कमजोर प्रदर्शन की उम्मीद जताई थी। उस समय मूडीज ने 35 अन्य देशों की रेटिंग भी डाउनग्रेड कर दी थी। कोविड प्रतिबंधों के ढीले होने से अर्थव्यवस्था में सुधार दिख रहा है। दुनिया भर की अर्थव्यवस्था खुलने से देशों की इकोनॉमी में सुधार होता दिख राह है।  

रेटिंग एजेंसी का मानना है कि कोविड की दूसरी लहर इकोनॉमी की रिकवरी में बाधा पहुंचा सकती है। इससे लंबी अवधि में जोखिम बढ़ सकता है। अगस्त में मूडीज ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2021-22 को अपडेट किया था। भारत की ग्रोथ के बारे में अनुमान है कि यह 2021 के कैलेंडर साल में 9.6% रह सकती है। 2022 में यह 7% रह सकती है।  

भारत की इकोनॉमी 2020-21 में 7.3% गिरी थी। इस चालू वित्त वर्ष में हालांकि इकोनॉमी की ग्रोथ का अनुमान 10% से ज्यादा का लगाया गया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भारत की इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान इस वित्त वर्ष में 10% रखा है जबकि पहले 11% का अनुमान लगाया था। मूडीज और इसकी अन्य समकक्ष एजेंसियां कई देशों के निशाने पर भी रही थीं। इसका कारण यह था कि यह एजेंसियां कुछ देशों की ओर ज्यादा झुकाव रखती थीं।  

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