पहली तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 20.1 पर्सेंट पर पहुंची

मुंबई- वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ जबर्दस्त रही है। जून तिमाही में देश की आर्थिक दर तेज उछाल के साथ 20.1% पर पहुंच गई। यह किसी भी तिमाही में अब तक की रिकॉर्ड हाई ग्रोथ है। मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ 1.6% रही थी। पिछले साल जून में ग्रोथ रेट नेगेटिव में 24.4% रहा था। 

ग्रोथ रेट में तेज उछाल की वजह साफ तौर पर बेस इफेक्ट रही। ऐसे में जानकारों का कहना है कि बेहतर तस्वीर के लिए हमें GDP को तिमाही आधार पर देखना होगा। यह अच्छी बात है कि इसमें तिमाही आधार पर लगातार सुधार आ रहा है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान टोटल GVA 30.1 लाख करोड़ रुपए रहा। यह पिछले फिस्कल ईयर के मुकाबले 18.8% ज्यादा है। लेकिन दो फिस्कल ईयर से 22.4% कम है। 

GVA से अर्थव्यवस्था के टोटल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इधर, अप्रैल से जुलाई के बीच फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के टारगेट के 21.3% पर पहुंच गया है।  

इस दौरान सरकार को टैक्स के तौर पर 5.21 लाख करोड़ रुपए मिले जबकि उसने कुल 10.04 लाख करोड़ रुपए खर्च कर दिए। कोविड के चलते इस साल सरकार ने इस वित्त वर्ष फिस्कल डेफिसिट के लिए 6.8% का टारगेट तय किया है। 

ग्रोथ के आंकड़े देखने में शानदार लगते हैं, लेकिन इनसे कुछ आर्थिक जानकारों को मायूसी हुई है। कोटक महिंद्रा बैंक की सीनियर इकोनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा कि ग्रोथ रेट उनके 21.7% के अनुमान से कम है। हालांकि डीबीएस बैंक, सिंगापुर की इकोनॉमिस्ट राधिका राव जैसे जानकारों ने संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ रेट उनके अनुमान के मुताबिक रहा है। 

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