एफआईआई : रिकॉर्ड 1.57 लाख करोड़ की निकासी, फिर भी सेंसेक्स का रिटर्न 9 फीसदी

मुंबई-  विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस पूरे साल घरेलू बाजार में रिकॉर्ड मूल्य के शेयर बेचे हैं। बावजूद इसके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स ने 9 फीसदी का फायदा दिया है। इस दौरान निवेशकों की पूंजी में 30 लाख करोड़ रुपये की तेजी आई है। यह तब हुआ है, जब डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट, वैश्विक अनिश्चितता और व्यापार समझौतों में देरी हुई है।

डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से लेकर अब तक एफआईआई ने 1.57 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। यह 2022 में बेचे गए 1.21 लाख करोड़ रुपये के बाद रिकॉर्ड निकासी है। इन निवेशकों ने इस साल सबसे ज्यादा 78,000 करोड़ रुपये के शेयर जनवरी में बेचे हैं। हालांकि, बीच के कुछ महीनों में जरूर खरीदी की, लेकिन पिछले तीन महीनों से फिर से भारी बिकवाली शुरू कर दी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि जनवरी में भी ये निवेशक बिकवाली कर सकते हैं। इनकी नजर अब कई देशों के साथ भारत के व्यापार समझौतों और बजट पर है।

चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भी अब तक रिकॉर्ड 40,227 करोड़ के शेयरों की बिकवाली हुई है। इस महीने अब तक 13,177 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। हालांकि, बाजार पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। बीएसई सेंसेक्स एक जनवरी को 78,507 पर बंद हुआ था। अब यह 85,408 पर बंद हुआ है। यानी 9 फीसदी का फायदा मिला है। दिसंबर में जरूर यह सपाट रहा है। एक दिसंबर को 85,641 पर बंद हुआ था। उधर, पूरे साल के दौरान सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 30 लाख करोड़ रुपये बढ़कर अब 475 लाख करोड़ रुपये हो गई है। एक जनवरी को यह 444 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थी।

दिसंबर में 48,000 करोड़ की तेजी

इस महीने पूंजी में केवल 48,000 करोड़ रुपये की तेजी आई है। एक दिसंबर को यह 474.52 लाख करोड़ रुपये रही जो अब 475 लाख करोड़ रुपये है। दरअसल, स्मॉल और मिडकैप शेयरों की पिटाई से निवेशकों को अच्छा मुनाफा नहीं मिला है। ज्यादातर निवेशक इन्हीं शेयरों में पैसे लगाते हैं। हालांकि, पूंजी बढ़ने का एक और कारण नई कंपनियों की लिस्टिंग रहा है। इस पूरे साल में 103 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 1.70 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाईं। इससे भी बाजार की पूंजी में तेजी आई।

इस महीने सोने ने दिया 7,000 का फायदा

इस महीने सोने ने निवेशकों को प्रति दस ग्राम पर 7,000 रुपये का फायदा दिया है। हालांकि चांदी ने इसी दौरान 50,000 रुपये प्रति किलो का फायदा दी है। सोना एक दिसंबर को 1.33 लाख से बढ़कर अब 1.40 लाख रुपये पर पहुंच गया है। चांदी 1.77 लाख से बढ़कर 2.27 लाख रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गई है।

एफआईआई की भारी निकासी

दिसंबर        13,177 करोड़

सितंबर        23,885 करोड़

अगस्त        34,993 करोड़

जुलाई        17,741 करोड़

सुधारों से निवेशकों को मिलेगा नए साल में फायदा

भारतीय निवेशक 2026 में आय वृद्धि में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि नए विजेता शेयरों की पहचान कर सकें। एनएसई निफ्टी-50 सूचकांक 2025 में लगभग 9 प्रतिशत चढ़ा है। एमएससीआई एसी एशिया पैसिफिक सूचकांक से 1998 के बाद सबसे बड़े अंतर से पीछे है। विश्लेषकों का कहना है कि उपभोग कर दरों में कमी और ब्याज दरों में कटौती से कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि होने के कारण नए साल में यह पिछड़ने का सिलसिला पलट सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, निफ्टी की आय में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में 16 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो चालू वर्ष के अनुमानित वृद्धि से लगभग दोगुनी है।

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