कमजोर रुपये का असर: मर्सिडीज-बेंज हर तिमाही बढ़ाएगी कीमतें, जनवरी से पहले बढ़ोतरी की योजना

मुंबई- यूरो के मुकाबले रुपये में गिरावट के असर को कम करने के लिए मर्सिडीज-बेंज इंडिया अगले कैलेंडर वर्ष में हर तिमाही में उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। हालांकि, अपेक्षित मूल्य वृद्धि तय नहीं की गई है, लेकिन यह प्रत्येक तिमाही में लगभग 2 फीसदी हो सकती है। कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा, कंपनी पहले ही एक जनवरी से कीमतों में दो फीसदी तक बढ़ोतरी की योजना की घोषणा कर चुकी है।

कंपनी ने कहा था कि यह मूल्य समायोजन मौजूदा विदेशी मुद्रा संबंधी चुनौतियों को दर्शाता है, क्योंकि 2025 में यूरो-रुपये की विनिमय दर लगातार 100 रुपये से ऊपर बनी हुई है, जो ऐतिहासिक औसत से काफी अधिक है। अय्यर ने कहा, लगभग 18 महीने पहले विनिमय मूल्य 89 रुपये प्रति यूरो था और अब यह लगभग 104-105 रुपये है। यह रुपये के अवमूल्यन का 15-18 प्रतिशत से अधिक है। भारी अवमूल्यन की भरपाई के लिए बाद में भी बढ़ोतरी की जाएगी। अय्यर ने कहा, रुपये के अवमूल्यन और मूल्य वृद्धि के प्रभाव में 10-15 फीसदी से अधिक का अंतर है। इसलिए हम (मूल्य वृद्धि को) किस्तों में कर रहे हैं, अन्यथा मांग भी प्रभावित हो सकती है।

विदेशी मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और इनपुट लागत में बढ़ोतरी के चलते मर्सिडीज ने इस साल अब तक 3 बार कीमतें बढ़ाई हैं। उद्योग के सूत्रों ने बताया कि मैन्युफैक्चरर्स ने जीएसटी दर में कमी के लाभों को पूरी तरह से ग्राहकों तक पहुंचाया है। इसकी वजह से लागत का दबाव कम करने के लिए बहुत कम ताकत बची है। कुछ महीनों के लिए कीमतों में बढ़ोतरी को रोक दिया गया था, लेकिन अधिकांश ब्रांड 2026 की शुरुआत में दाम बढ़ाने पर फैसला लेंगे।

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