राष्ट्रीय कृषि बाजार में आ रहीं शुरुआती दिक्कतें, जनवरी मध्य तक सही होने की उम्मीद

मुंबई- राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) 2.0 शुरुआती दिक्कतों का सामना कर रहा है। इन्हें जनवरी के मध्य तक ठीक किए जाने की संभावना है। इस योजना को नवंबर, 2024 में तमिलनाडु और राजस्थान में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा, तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए नए विशेषज्ञों को नियुक्त किया जा रहा है।

चतुर्वेदी ने कहा, हमें शुरुआती दिक्कतें आ रही हैं। हम इसमें सुधार कर रहे हैं। जनवरी के मध्य तक दो राज्यों में प्रायोगिक परियोजना के सफल होने के बाद इसे पूरे देश में शुरू किया जाएगा। ई-नाम 2.0 को चुनिंदा मंडियों में शुरू किए गए इस नए मॉड्यूल में डाटा माइग्रेशन और स्वचालित बोली प्रक्रिया एवं लॉजिस्टिक्स एकीकरण जैसी उन्नत सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमें इस प्रक्रिया को जारी रखना होगा। हम इसे रोक नहीं सकते। जब हम इसे पूरे देश में लागू करेंगे तो हमें इसके संस्करण में सुधार करना होगा।

राजस्थान ने राज्य भर की 173 मंडियों में चल रहे पायलट प्रोजेक्ट में सामने आई समस्याओं को लेकर चिंता जताई है। नवंबर में केंद्र को भेजे गए पत्रों में राज्य सरकार ने पुराने प्लेटफॉर्म से नए प्लेटफॉर्म पर डेटा माइग्रेट करने में आ रही कठिनाइयों का हवाला दिया, जिसके कारण मंडियों में मैनुअल संचालन फिर से शुरू करना पड़ा। ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि उत्पादों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडियों को आपस में जोड़ता है। यह किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को बेहतर मूल्य निर्धारण और पारदर्शी नीलामी के साथ ऑनलाइन व्यापार करने में सक्षम बनाता है। यह प्लेटफॉर्म 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 1,000 से अधिक बाजारों को एकीकृत करता है और खाद्यान्न, बाजरा, सब्जियां और फल सहित 200 से अधिक उत्पादों का समर्थन करता है।

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