इन्फोसिस का फायदा 13 फीसदी बढ़ा, 23 रुपये लाभांश ,8,203 को दी नौकरी
मुंबई: आईटी कंपनी इन्फोसिस को सितंबर तिमाही में 7,364 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही के 6,506 करोड़ रुपये की तुलना में यह 13.2 फीसदी अधिक है। परिचालन से राजस्व 8.6 फीसदी बढ़कर 44,490 करोड़ रुपये रहा। कंपनी 23 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की है। रिकॉर्ड डेट 27 अक्टूबर है, और पेआउट 7 नवंबर को होगा। पिछले साल 9.5 फीसदी अधिक है।
कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास परिदृश्य के निचले आधार को स्थिर मुद्रा के संदर्भ में 2-3 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। जून तिमाही में अनुमान 1-3 प्रतिशत था। बड़े सौदों का कुल अनुबंध मूल्य 3.1 अरब डॉलर या लगभग 27,525 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने तिमाही के दौरान कर्मचारियों की संख्या 8,203 बढ़ाकर 3,31,991 कर दी, जो जून 2025 तिमाही में 3,23,788 थी। IT सर्विसेज में पिछले बारह महीने वॉलंटरी एट्रिशन 14.3% रहा, जो पिछले क्वार्टर के 14.4% से थोड़ा कम है, लेकिन पिछले साल के 12.9% से ऊपर।
इंफोसिस एक बड़ी भारतीय आईटी कंपनी है, जो 1981 में बैंगलोर में शुरू हुई। ये कंसल्टिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड और AI जैसी सर्विसेज देती है, और दुनिया भर में 3 लाख से ज्यादा एम्प्लॉयी हैं। कंपनी के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर सलील पारेख है
विप्रो का फायदा सितंबर तिमाही में मामूली बढ़कर 3,246 करोड़ रुपये रहा है। एक साल पहले इसी तिमाही में 3,208 करोड़ रुपये था। राजस्व 1.7 फीसदी बढ़कर 22,697 करोड़ रुपये हो गया। मार्च तिमाही की तुलना में लाभ 2.3 और राजस्व 2.5 फीसदी बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बुकिंग 9.5 अरब डॉलर को पार कर गई। विप्रो के सीईओ और प्रबंध निदेशक श्रीनि पल्लिया ने कहा, अपने ग्राहकों तक विप्रो इंटेलिजेंस पहुंचाने के लिए उत्साहित हूं। इससे उन्हें आत्मविश्वास से आगे बढ़ने और एआई-प्रमुख दुनिया में भविष्य को आकार देने में मदद मिलेगी।
नेस्ले की भारतीय इकाई का फायदा सितंबर तिमाही में 17.37 फीसदी गिरकर 743 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले 899 करोड़ रुपये था। राजस्व 11 प्रतिशत बढ़कर 5,630 करोड़ रुपये रहा। कुल खर्च 12.9 फीसदी बढ़कर 4,617 करोड़ रुपये हो गया। घरेलू बिक्री 10.8 प्रतिशत बढ़कर 5,411 करोड़ रुपये रही। यह किसी भी तिमाही में अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। निर्यात 14.4 प्रतिशत बढ़कर 219 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के चेयरमैन एवं एमडी मनीष तिवारी ने कहा, घरेलू बिक्री में दोहरे अंकों की दर से वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण मात्रा में वृद्धि थी। चार में से तीन उत्पाद समूहों ने दोहरे अंकों की वृद्धि के कारण मजबूत मात्रा में बिक्री की।

