फिनटेक में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में अमेरिका व ब्रिटेन के साथ भारत भी शामिल

मुंबई- वित्तीय प्रौद्योगिकी यानी फिनटेक के लिहाज से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों की सूची में अमेरिका और ब्रिटेन के साथ भारत को भी शामिल किया गया हे। चीन में आयोजित न्यू चैंपियंस की वार्षिक बैठक में जारी विश्व आर्थिक मंच के अध्ययन में कहा गया कि लाभप्रदता और समावेशन में मजबूती के बीच वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वृद्धि स्थिर हो रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के बाद की मंदी के बावजूद वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र पारंपरिक रूप से वंचित समूहों तक पहुंचते हुए मजबूत व टिकाऊ वृद्धि दिखा रहा है। वित्तीय प्रौद्योगिकी के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में ब्रिटेन, भारत, अमेरिका, सिंगापुर, ब्राजील और इंडोनेशिया शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक में 10 से अधिक कंपनियों का मुख्यालय है और ये वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

डबल्यूईएफ ने कहा, वित्तीय प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ परिचालन करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, कोलंबिया, मेक्सिको, इंडोनेशिया और जर्मनी शामिल हैं। 240 कंपनियों के वैश्विक सर्वेक्षण से पता चलता है कि ग्राहक वृद्धि 37 प्रतिशत पर स्थिर है। वित्तीय प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है। राजस्व की वृद्धि 40 प्रतिशत एवं लाभ में वृद्धि 39 प्रतिशत है।

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई), निम्न आय वाले व्यक्ति तथा महिलाएं वित्तीय प्रौद्योगिकी के ग्राहक आधार का महत्वपूर्ण हिस्सा (क्रमशः 57 प्रतिशत, 47 प्रतिशत और 41 प्रतिशत) हैं। खासकर उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में जहां ये क्षेत्र वित्तीय प्रौद्योगिकी के लाभ में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने से प्रदर्शन में सुधार हो रहा है। 83 प्रतिशत वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने एआई के इस्तेमाल से बेहतर ग्राहक अनुभव हासिल किया है। लगभग तीन चौथाई ने माना कि एआई से उच्च लाभप्रदता एवं कम लागत प्रमुख फायदे हैं।

व्यापक आर्थिक स्थितियां वृद्धि के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी रहीं। हालांकि, केवल 18 प्रतिशत ने इस चुनौती को बाधा के रूप में देखा जो 2024 में 56 प्रतिशत था। फंडिंग के माहौल को लेकर चिंताएं भी काफी कम हो गई हैं। अब केवल 12 प्रतिशत लोग ही इसे बाधा मानते हैं जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 40 प्रतिशत था। डब्ल्यूईएफ ने कहा, इन सुधारों के बावजूद वित्तीय प्रौद्योगिकी के मजबूत विकास को बढ़ावा देने के लिए और अधिक काम किए जाने की जरूरत है। खासकर पूंजी तक पहुंच का विस्तार करने और नियामकीय दक्षता बढ़ाने पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

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