अमेरिकी राष्ट्रपति की वजह से पूरी दुनिया आ सकती है मंदी की चपेट में

मुंबई- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने पूरी दुनिया का बेड़ागर्क कर दिया है। अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने सिर्फ ‘अनिश्चितता’ बेची है। इसने दुनिया को महामंदी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। अच्छी-भली दौड़ती अर्थव्यवस्थाओं के पैरों पर ट्रंप ने जंजीरें बांधने का काम किया है।

ईरान-इजरायल की जंग में कूदकर ट्रंप ने फिर दुनिया को संकट में डाल दिया है। यह तब है जब पहले ही उनकी अनाप-शनाप की टैरिफ नीति से दुनिया उबरने की कोशिश कर रही है। जिस तरह के हालात बन गए हैं, शायद उसमें भारत भी अछूता नहीं रह पाएगा।

ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीतियों और उनके व्यापार युद्धों, खासकर टैरिफ के इस्तेमाल ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी उथल-पुथल मचाई है। इसे लेकर महामंदी की आहट की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं। अब वह जंग में भी कूद चुका है। ईरान-इजरायल के बीच युद्ध में उसके कूदने से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। कई देशों की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। कारण है कि ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने की धमकी दी है। उसकी संसद में इसे लेकर प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी जा चुकी है।

ट्रंप प्रशासन ने चीन, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। इन टैरिफ के जवाब में प्रभावित देशों ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगा दिए हैं। इससे वैश्विक व्यापार का प्रवाह बाधित हुआ है। कंपनियों के लिए आयात-निर्यात महंगा हो गया है। ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हुई हैं।

व्यापार युद्धों ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल पैदा किया है। निवेशक और व्यवसाय भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इससे निवेश और विकास पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। कई कंपनियों को अपनी उत्पादन और वितरण रणनीतियों को फिर से सोचना पड़ रहा है।

टैरिफ का अंतिम बोझ अक्सर उपभोक्ताओं पर पड़ता है क्योंकि कंपनियां बढ़ी हुई लागत को उत्पादों की कीमतों में जोड़ देती हैं। इससे महंगाई बढ़ती है और लोगों की क्रय शक्ति कम होती है।

विशेषज्ञों ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों की तुलना 1930 के Smoot-Hawley Tariff Act से की है। इसे अक्सर 1929 की महामंदी को बढ़ाने में एक प्रमुख कारक माना जाता है। उस समय भी टैरिफ ने वैश्विक व्यापार को काफी कम कर दिया था। इससे आर्थिक संकट गहरा गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *