सेवा शुल्क वसूलने वाले होटलों और रेस्तरां को लौटाना होगा सेवा शुल्क का पैसा
मुंबई- देश भर के रेस्तरां और होटल ग्राहकों से सेवा शुल्क वसूलने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस पर खुद संज्ञान लेते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण यानी सीसीपीए ने देश भर के अलग-अलग राज्यों के 18 रेस्तरां को नोटिस जारी कर दिया है। इनको सेवा शुल्क के नाम पर वसूली गई रकम ग्राहकों को वापस लौटाने का आदेश दिया है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने बताया, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर 18 रेस्तरां के विरुद्ध सेवा शुल्क की अनिवार्य वसूली और सेवा शुल्क राशि वापस न करने के संबंध में शिकायतें मिलीं हैं। सभी रेस्तरां को इस मामले में कोर्ट के पहले के आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
खरे ने कहा, सीसीपीए सेवा शुल्क पर जारी दिशा निर्देशों और दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय के उल्लंघन पर कड़ी नजर रख रहा है। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 28 मार्च, 2025 से 10 जून, 2025 तक कुल 336 शिकायतें दर्ज की गई थीं। इनमें ग्राहकों ने आरोप लगाया गया था कि कुछ रेस्तरां उनकी पूर्व सहमति प्राप्त किए बिना अनिवार्य सेवा शुल्क लगा रहे हैं। इन शिकायतों की जांच करने के बाद सीसीपीए ने 18 रेस्तरां को नोटिस जारी किए हैं।
खरे ने कहा, सीसीपीए की कार्रवाई देश भर के होटलों और रेस्तरांओं पर हो रही है। इसमें महानिदेशक (जांच) की ओर से मामले की जांच की जाती है। जो भी संबंधित पार्टी है, उसे सुनवाई का पूरा अवसर मिलता है। अगर इसके जवाब से हम संतुष्ट नहीं होते हैं तो फिर अंतिम आदेश पारित कर उस पर कार्रवाई की जाती है।
सीसीपीए ने 4 जुलाई, 2022 को होटलों और रेस्तराओं में सेवा शुल्क के संबंध में अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके अनुसार, कोई भी होटल या रेस्तरां भोजन बिल में स्वचालित रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ेगा। किसी अन्य नाम से सेवा शुल्क नहीं लिया जाएगा। ग्राहकों को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं करेगा और उपभोक्ता को स्पष्ट रूप से बताएगा कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक और वैकल्पिक है। सेवा शुल्क को खाद्य बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जाएगा।
सीसीपीए को यह भी पता चला है कि आदेशों के बावजूद ई-कॉमर्स कंपनियां वॉकी-टॉकी की निर्बाध बिक्री कर रही हैं। इनमें अमेजन, ट्रेडइंडिया, ओएलएक्स, इंडियामार्ट, वरदानमार्ट, मास्कमैन और कृष्णामार्ट सहित सात ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं। हालांकि, पहले कुल 13 कंपनियां थीं, जिनमें से कुछ ने अपने प्लेटफॉर्म से वॉकी-टॉकी को हटा दिया है। इसके बाद सरकार ने इन प्लेटफॉर्म को संबंधित नियमों का पालन करने का आदेश दिया।