निर्यात में चार माह बाद मामूली वृद्धि, व्यापार घाटा बढ़कर 21.54 अरब डॉलर

मुंबई- देश का निर्यात चार महीने बाद मार्च में मामूली 0.7 प्रतिशत बढ़कर 41.97 अरब डॉलर हो गया है। व्यापार घाटा बढ़कर 21.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान निर्यात 0.08 प्रतिशत बढ़कर 437.42 अरब डॉलर हो गया। आयात 6.62 प्रतिशत बढ़कर 720.24 अरब डॉलर रहा, जिससे व्यापार घाटा 282.82 अरब डॉलर हो गया।

आंकड़ों के मुताबिक, इस साल फरवरी में व्यापार घाटा 14.05 अरब डॉलर था। मार्च, 2024 में 15.33 अरब डॉलर था। 2023-24 के दौरान यह 241.14 अरब डॉलर था। निर्यात और आयात के बीच के अंतर को व्यापार घाटा कहते हैं। आयात मार्च में बढ़ कर चार महीने के उच्च स्तर 11.3 प्रतिशत पर यानी 63.51 अरब डॉलर हो गया।

देश का वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 2024-25 में 820.93 अरब डॉलर के रिकॉर्ड तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023-24 के 778.13 अरब डॉलर की तुलना में 5.5 प्रतिशत ज्यादा है। इस दौरान सेवाओं का निर्यात 383.51 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 341 अरब डॉलर था। 2024-25 में आयात 194.95 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो 2023-24 में यह 178.31 अरब डॉलर था।

पिछले वित्त वर्ष में जिनका निर्यात घटा है उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (84.16 अरब डॉलर से घटकर 63.34 अरब डॉलर), रत्न और आभूषण (32.17 से घटकर 29.81 अरब डॉलर) और केमिकल (29.38 से गिरकर 28.7 अरब डॉलर) शामिल हैं।

पिछले वित्त वर्ष में सोने का आयात 45.54 अरब डॉलर से बढ़कर 58.01 अरब डॉलर हो गया है। वॉल्यूम के लिहाज से आयात 2024-25 में घटकर 757.15 टन रह गया, जो 2023-24 में 795.32 टन था। कच्चा तेल 178.73 अरब डॉलर से बढ़कर 185.78 अरब डॉलर और इलेक्ट्रॉनिक सामान 87.86 अरब डॉलर के मुकाबले 98.73 अरब डॉलर रहा।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, 2024-25 में व्यापारिक निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर आ गया। वृद्धि के प्रमुख चालकों में इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, सभी प्रकार के वस्त्रों के रेडीमेड परिधान, चावल, सूती धागे/कपड़े, प्लास्टिक, कॉफी, मसाले, चाय और तम्बाकू शामिल हैं।

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