डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब यूपीआई से हटेगा पुल लेनदेन
मुंबई। डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई यूपीआई पर पुल लेनदेन को हटाने के लिए बैंकों से बातचीत कर रहा है। यूपीआई के जरिये ज्यादातर डिजिटल धोखाधड़ी पुल लेनदेन के माध्यम से ही होते हैं। जब मर्चेंट्स की ओर से ग्राहकों को भुगतान के लिए रिक्वेस्ट भेजी जाती है, तो उसे पुल ट्रांजैक्शन कहा जाता है। जब ग्राहक क्यूआर या अन्य किसी माध्यम से लेनदेन करता है, तो उसे पुश ट्रांजैक्शन कहा जाता है।
पुल ट्रांजेक्शन को हटाने से धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में कमी आ सकती है, लेकिन कुछ बैंकर्स का कहना है कि इससे सही लेनदेन भी प्रभावित होंगे और इसका असर दक्षता पर होगा। भारत में खुदरा भुगतान और सेटलमेंट सिस्टम का संचालन एनपीसीआई ही करती है। बातचीत अभी शुरुआती चरण में और इसे लागू करने पर अंतिम निर्णय होना बाकी है।
फरवरी में यूपीआई लेनदेन की संख्या 16 अरब को पार कर गई थी, जिसका कुल लेनदेन मूल्य 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। 2024 में यूपीआई लेनदेन की संख्या में सालाना आधार पर 46 प्रतिशत बढ़कर 172.2 अरब हो गई है, जो कि 2023 में 117.7 अरब थी।
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि डिजिटल भुगतान और लोन से संबंधित शिकायतें एक बड़ी चिंता बनी हुई हैं। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जून के बीच आरबीआई लोकपाल को 14,401 शिकायतें मिलीं। जुलाई से सितंबर तिमाही में 12,744 शिकायतें दर्ज की गई हैं।

