महाकुंभ के कारण मांसाहारी खाने की खपत घटने से सब्जियों की महंगाई में तेज गिरावट

मुंबई- खुदरा महंगाई में तेज गिरावट के पीछे इस बार महाकुंभ का योगदान है। एसबीआई की रिपोर्ट कहती है कि महाकुंभ के दौरान लोगों ने मांसाहारी खाना से परहेज किया। इससे लहसुन और प्याज की खपत में भारी कमी आई। सब्जियों में इन दोनों का योगदान सबसे ज्यादा होता है। इसलिए इनकी खपत घटने से सब्जियों की महंगाई घटी है।

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य एवं पेय पदार्थों की महंगाई में भारी नरमी (मासिक आधार पर 1.85 फीसदी घटकर 3.84%) के कारण फरवरी में खुदरा महंगाई 7 महीने के निचले स्तर 3.6% पर आ गई। यह गिरावट सब्जियों के दाम में कमी के कारण हुई, जो 20 महीनों के बाद नकारात्मक 1.07 फीसदी पर आ गई। इसमें 80 फीसदी गिरावट केवल तीन सब्जियों (लहसुन, आलू, टमाटर) के कारण हुई।

दिलचस्प यह है कि सबसे अधिक गिरावट लहसुन में हुई है, जो संभवतः महाकुंभ के दौरान मांसाहारी वस्तुओं की कम खपत को दर्शाती है। फलों की महंगाई 10 साल के शीर्ष 14.82 फीसदी पर पहुंच गई है। कारण यह है कि महाकुंभ में लोगों ने उपवास रखा और फलों का सेवन किया। मांसाहारी वस्तुओं (अंडा/मांस/मछली) की खपत में कमी भी इसी पवित्र मेले के कारण हुई है। खुदरा महंगाई जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 3.9 फीसदी और 2024-25 में औसतन 4.7 फीसदी तक रह सकती है। वित्त वर्ष 2026 में यह 4 से 4.2 फीसदी के बीच रह सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल और जून के बीच दो बार रेपो दर घट सकती है। हालांकि, अगस्त में कटौती का चक्र रुकने के बाद अक्तूबर से फिर से शुरू हो सकता है। रुपये में लगातार गिरावट का असर आने वाले महीनों में दिख सकता है और इससे खुदरा महंगाई बढ़ भी सकती है। आरबीआई ने महंगाई दर का लक्ष्य दो फीसदी कम ज्यादा के साथ चार फीसदी पर रखा है। अब यह उसके दायरे में है जिससे उसे कटौती करने में मदद मिलेगी। आरबीआई ने दो साल बाद पहली बार फरवरी में 0.25 फीसदी की कमी दरों में की थी।

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