खाने का तेल हो सकता है महंगा, आयात गिरकर 4 साल के निचले स्तर पर
मुंबई- भारत में खाने के तेल का आयात फरवरी में चार साल के निचले स्तर पर आ गया। सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में कमी की वजह से ऐसा हुआ है।
इंडस्ट्री के एक प्रमुख संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने कहा, देश में खाने के तेल का स्टॉक तीन साल के सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है। भारत दुनिया में वेजिटेबल ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार है। लगातार दूसरे महीने कम आयात होने से देश में इसका स्टॉक घट गया है। इससे भारत को आने वाले महीनों में और ज्यादा तेल खरीदना पड़ सकता है। इससे मलेशियाई पाम तेल और अमेरिकी सोया तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
सोयाऔर सूरजमुखी तेल के आयात में भारी कमी से देश का खाद्य तेल आयात फरवरी में 8 फीसदी घटकर चार साल के निचले स्तर 8.85 लाख टन पर आ गया है। एक साल पहले समान माह में यह 9.59 लाख टन था। वनस्पति तेल का आयात 7 फीसदी घटकर 8.99 लाख टन रहा है जो एक साल पहले 9.66 लाख टन रहा था।
आंकड़ों के मुताबिक, वनस्पति तेल में 8.85 लाख टन खाद्य तेल और 14,004 टन गैर खाद्य तेल शामिल है। मई, 2020 के बाद से यह सबसे कम स्तर है। उस समय आयात गिरकर 7.21 लाख टन रहा था। 2024-25 के पहले चार महीनों (नवंबर,2024 से फरवरी, 2025) में कुल वनस्पति तेल का आयात 4 फीसदी बढ़कर 48.08 लाख टन रहा है। वनस्पति तेल के आयात में हाल ही में आई गिरावट को भारत में नवंबर, 2024 तक जमा हुए उच्च स्टॉक स्तरों से कम किया गया है, जो अब 20 लाख टन से नीचे आ गया है।