सोने के एवज में बैंकों को लोन देना होगा मुश्किल, आरबीआई कड़ा करेगा नियम

मुंबई- बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सोने के एवज में कर्ज देना मुश्किल हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अब इससे संबंधित नियमों को कड़ा करने की योजना बना रहा है। इसमें अंडरराइटिंग प्रक्रियाओं का पालन करने व पैसे के सही उपयोग करने का निर्देश दिया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, गोल्ड लोन हाल के समय में बहुत तेजी से बढ़ा है। ऐसे में आरबीआई इस पर लगाम लगाना चाहता है। केंद्रीय बैंक चाहता है कि बैंक और गैर-बैंकिंग संस्थाएं भी उधार लेने वाले ग्राहकों की पृष्ठभूमि की जांच करें। गिरवी रखे जा रहे सोने के मालिकाना हक का पता लगाएं। आरबीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि संस्थाएं एक मानक प्रोटोकॉल का पालन करें और गोल्ड लोन क्षेत्र में कोई भी वृद्धि सीमा से बाहर न हो।

आरबीआई चाहता है कि गोल्ड लोन में किसी भी अनैतिक व्यावसायिक व्यवहार पर अंकुश लगे तथा वित्तीय स्थिरता की रक्षा की जाए। सितंबर, 2024 से बैंकों के गोल्ड लोन में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो समग्र ऋणों की वृद्धि से अधिक है। असुरक्षित ऋण के लिए सख्त मानदंडों से इस तेज वृद्धि को कम करने में मदद मिल सकती है।

सितंबर में आरबीआई को गोल्ड लोन में कई अनियमितताएं मिलीं थीं। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने बैंकों को खामियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए ऋण देने की प्रक्रिया की समीक्षा करने का आदेश दिया था। आरबीआई को लोन के साथ सोने के मूल्यांकन में खामियां मिलीं थीं। पिछले 12 से 16 महीनों में किए गए ऑडिट में आरबीआई को गैर बैंक ऋणदाताओं के पोर्टफोलियो में अनियमितताएं और सोने के बदले उधार दिए जाने वाले पैसे की निगरानी में कमियां मिलीं थीं।

यह भी पाया गया कि बैंकों के फिनटेक एजेंट सोना इकट्ठा कर रहे थे। उसका भंडारण और वजन कर रहे थे। जबकि नियमों के मुताबिक, यह सब काम बैंकों या कर्ज देने वाले संस्थानों को करना चाहिए। बैंक कर्ज नहीं चुकाने वाले ग्राहकों को जानकारी दिए बिना ही सोने की नीलामी भी कर रहे थे।

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