बैंक और ई-कॉमर्स से 87 फीसदी लोगों का डाटा सार्वजनिक डोमेन से लीक
नई दिल्ली। देश के 87 प्रतिशत नागरिकों का मानना है कि उनका निजी डाटा सार्वजनिक डोमेन में लीक हो गया है। लोकल सर्किल के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उनका एक या अधिक निजी डाटा पहले से ही सार्वजनिक डोमेन या डेटाबेस में हैं, जिनसे समझौता किया गया है।
यह सर्वेक्षण देश के कुल 375 जिलों में 36,000 लोगों के बीच 25 से 28 फरवरी तक किया गया है। अधिकांश उत्तरदाताओं ने कहा, दूरसंचार ऑपरेटरों, ई-कॉमर्स पप, बैंकों, वित्तीय सेवा प्रदाताओं और सरकारी विभागों की वजह से उनके निजी डाटा हर जगह लीक होते हैं। आधे से अधिक का कहना है कि लीक डाटा में ज्यादातर उनका आधार या पैन कार्ड शामिल है।
सर्वे के मुताबिक, 65 प्रतिशत ने डाटा लीक के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को जिम्मेदार ठहराया। 63 प्रतिशत ने ई-कॉमर्स एप और वेबसाइटों का को, 56 प्रतिशत ने बैंकों और वित्तीय सेवा प्रदाताओं को दोषी ठहराया। लगभग 50 प्रतिशत ने राज्य/स्थानीय सरकारी कार्यालयों, डेटाबेस, कर्मचारियों को दोषी ठहराया। 48 प्रतिशत ने कहा पेपेंट एप या साइटों, 26 प्रतिशत ने शैक्षिक संस्थान, 37 प्रतिशत ने अन्य व्यवसायों को डाटा लीक के लिए दोषी ठहराया।