शेयर बाजार में भारी गिरावट, पांच महीने में 93 लाख करोड़ रुपये का घाटा
मुंबई- शेयर बाजार में लगातार पांचवें महीने गिरावट आई है। साल 1996 में औपचारिक शुरुआत के बाद यह पहला मौका है जब निफ्टी में लगातार पांच महीने गिरावट आई है। सितंबर के आखिर से बाजार में गिरावट का दौरा है और इस दौरान निवेशकों के 93 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं।
अगर इतिहास पर नजर डालें तो निफ्टी में चार या उससे ज्यादा महीनों तक गिरावट सिर्फ छह बार ही हुई है। सबसे लंबी गिरावट सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 के बीच देखी गई थी। तब निफ्टी लगातार आठ महीनों तक गिरा था और 31.4% तक नीचे आया था।
चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त 10 फीसदी टैरिफ की नई घोषणा से शुक्रवार को वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट आई। इस वजह से घरेलू शेयर बाजार भी करीब दो फीसदी तक टूट गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स 1,414.33 अंक या 1.90 फीसदी गिरकर 73,198.10 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी में लगातार आठवें दिन गिरावट रही और यह 420.35 अंक या 1.86 फीसदी टूटकर 22,124.70 पर बंद हुआ। इससे निवेशकों की पूंजी 9.09 लाख करोड़ घटकर 384.01 लाख करोड़ रुपये रह गई जो बृहस्पतिवार को 393.10 लाख करोड़ रुपये रही थी।
दिन के कारोबार में सेंसेक्स 1,471 अंक या 1.97 फीसदी तक टूट गया था। विश्लेषकों के अनुसार, लगातार विदेशी निवशकों की बिकवाली और अमेरिकी आर्थिक परिदृश्य के बारे में चिंताओं ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण बढ़ी मंदी की भावना का भी असर बाजारों पर दिखा। यह गिरावट मुख्य रूप से कनाडा और मैक्सिको से अमेरिकी आयात पर 4 मार्च से 25 फीसदी टैरिफ के कार्यान्वयन के डर से शुरू हुई। साथ ही चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ भी है। साथ ही, यूरोपीय संघ पर संभावित टैरिफ लगाए जाने से बाजार में घबराहट बढ़ गई है।
बीएसई के कुल 4,082 शेयरों में कारोबार। 759 तेजी में, 3,224 गिरावट में रहे। 908 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। एनएसई के 50 में से 45 गिरावट में और 5 शेयर तेजी में रहे। सेंसेक्स के 30 में से केवल एचडीएफसी बैंक बढ़त में और बाकी 29 गिरावट में रहे। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट रही।
सेंसेक्स इस हफ्ते में 2,112.96 अंक या 2.80 फीसदी गिरा है। निफ्टी 671.20 अंक या 2.94 फीसदी टूटा है। इस महीने निफ्टी 1,383.7 अंक या 5.88 फीसदी गिरा है। सेंसेक्स 4,302.47 अंक या 5.55 फीसदी टूटा है। बाजार पूंजी एक फरवरी को 423.84 लाख करोड़ रुपये थी जो 39.83 लाख करोड़ रुपये घट गई है। निफ्टी 52 हफ्ते के शीर्ष से अब तक 15.6 फीसदी टूटा है। निफ्टी मिडकैप 150 में 21.1 फीसदी की, स्मॉलकैप 250 में 25.6 फीसदी और मिडकैप 250 में 26.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
27 सिंतबर को 85,978 के शीर्ष पर पहुंचने के बाद से सेंसेक्स अब तक 12,780 अंक या 14.86 फीसदी गिरा है। निफ्टी 4,152.65 अंक या 15.80 फीसदी गिरा है। बाजार पूंजी इस दौरान 477.93 लाख करोड़ रुपये से 93.92 लाख करोड़ रुपये घटी है।
1996 में निफ्टी की शुरुआत हुई थी। उसके बाद से 28 वर्षों में पहली बार निफ्टी लगातार पांच महीने तक गिरा है। इसमें अक्तूबर से लगातार गिरावट देखी गई जो फरवरी तक जारी रही है। कोरोना के बाद पहली बार किसी फरवरी में निफ्टी में 5.9 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 वर्षों में निफ्टी सात बार मार्च में तेजी के साथ बंद हुआ है। 2016,2017, 2019, 2021, 2022, 2023 और 2024 में इसमें तेजी रही है। विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक 1.12 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये के बेचे हैं। शुक्रवार को इन निवेशकों ने 11,639 करोड़ रुपये की निकासी की है।