वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऊंचे ब्याज पर पैसा जमा करने का अंतिम अवसर

मुंबई- रेपो दर में पिछले हफ्ते कटौती के बाद बैंक कर्ज के साथ जमा पर भी ब्याज दरों में कमी करने की शुरुआत कर सकते हैं। लंबे समय से ऊंची ब्याज दरों के कारण अभी भी जमा पर 9 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है। ऐसे में अगर आप वर्तमान ब्याज दर पाना चाहते हैं तो यह आपके लिए अंतिम मौका है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर्ज लेेने वालों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि इससे किस्त का बोझ कम हो जाएगा, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेशकों के लिए बुरी खबर है। निवेशकों के पास अब फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश को मौजूदा उच्च दरों पर बनाए रखने का आखिरी मौका है, क्योंकि बैंक जल्द ही ब्याज दरें कम करना शुरू कर देंगे। यदि आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं और आपके पास एफडी में निवेश करने के लिए अतिरिक्त राशि है, तो यह जमा करने का सबसे अच्छा समय हो सकता है।

वर्तमान में, स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को सबसे अधिक ब्याज दे रहे हैं। यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक 1001 दिनों के लिए सालाना सबसे अधिक 9.5 फीसदी ब्याज दे रहा है। सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक 5 साल की अवधि के लिए एफडी पर 9.1 फीसदी ब्याज दे रहा है, जबकि उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक दो से तीन साल की अवधि पर 9.1% प्रति वर्ष ब्याज दे रहा है।

निजी बैंकों में एफडी पर ब्याज दरें 7.5 फीसदी से 8.75 फीसदी सालाना हैं। बंधन बैंक एक साल की अवधि के लिए सबसे ज्यादा 8.55 फीसदी ब्याज दे रहा है। दूसरी ओर, डीसीबी बैंक 19-20 महीने के लिए 8.55 फीसदी ब्याज दे रहा है। सरकारी बैंकों की बात करें तो यह 7.55 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। इनमें सबसे अधिक 7.95 फीसदी पंजाब एंड सिंध बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र दे रहे हैं।

एक अप्रैल, 2025 से वरिष्ठ नागरिकों के एफडी पर काटा जाने वाला टैक्स कम होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि टीडीएस कटौती की सीमा वर्तमान में 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वित्त वर्ष में कुल ब्याज आय एक लाख रुपये से अधिक होने पर बचत खातों, एफडी और रिकरिंग जमा से ब्याज आय पर टीडीएस लागू होगा। हालांकि, आम लोगों के लिए टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये ही रखी गई है।

विश्लेषकों की सलाह है कि रेपो दर में कटौती के बाद सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर पर कैंची चलाएगी। अप्रैल-जून तिमाही में इसका असर दिख सकता है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर हमेशा बैंकों की ब्याज दर पर ही आधारित होती है। ऐसे में बैंकों ने दरें घटानी शुरू की तो इससे छोटी योजनाओं पर भी असर होगा। अगर आपने छोटी बचत योजनाओं में निवेश किया है और वह निवेश परिपक्व हो गया है तो उसको निकालकर ऊंचे ब्याज दर वाले एफडी में लगा सकते हैं।

ध्यान रखें कि एफडी को बहुत लंबे समय के लिए फिक्स न करें। अगर आप के पास 5 लाख रुपये है तो इसे पांच अलग-अलग एफडी के रूप में फिक्स करें। इनकी अवधि अधिकतम एक या दो साल से ज्यादा न हो। क्योंकि मान लीजिए अगर आगे बैंक एफडी पर ब्याज दरें बढ़ाते हैं तो इसका सीधा असर आपके लंबे समय वाले जमा पर पड़ेगा। जिस तरह के दुनियाभर में हालात हैं, उससे यह बहुत कम संभावना है कि दरों में कटौती ज्यादा होगी। हालांकि, इस साल में अभी भी दो बार दरों में कटौती की गुंजाइश है जो 0.50 फीसदी तक हो सकती है।

जिस तरह के माहौल हैं, उस माहौल में आपको निवेश के लिए अब अलग-अलग साधनों का उपयोग करना जरूरी है। शेयर बाजार से लेकर मुद्रा और सोने-चांदी जैसे प्रमुख निवेशों में भारी उतार-चढ़ाव हो रहा है। ऐसे में विविधीकरण की योजना सबसे बेहतर है। उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास 100 रुपये है तो उसमें से 30 रुपये आप एफडी में निवेश करें। 30 रुपये का निवेश शेयर बाजार में, 20 रुपये म्यूचुअल फंड में, 10 रुपये सोने में और 10 रुपये बीमा के साथ अन्य साधनों में लगाएं। यह ध्यान रखें कि हर निवेश का एक लक्ष्य जरूर हो। जब आप लक्ष्य के साथ पैसा लगाते हैं तो आपको पता चलता है कि उस निवेश के साथ क्या हो रहा है और आपकी जरूरतों के मुताबिक वह रिटर्न दे रहा है या नहीं।

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