83 से 84 तक आने में रुपया को लगा 457 दिन, 85 तक जाने में केवल 60 दिन में

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा के इस महीने की शुरुआत में कार्यभार संभालने के मद्देनजर बाजार और केंद्रीय बैंक पर्यवेक्षक वर्ष 2025 में आरबीआई की गतिविधियों व फैसलों पर विशेष तौर पर नजर रखेंगे। मौद्रिक नीति समिति की संरचना पूरी तरह से बदल चुकी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में न केवल समिति के नए चेयरमैन हैं बल्कि अक्टूबर में तीन नए बाहरी सदस्य भी इसमें शामिल किए गए। इनमें से दो बाहरी सदस्य दिसंबर की नीति में ब्याज दर में कटौती के पक्ष में मत डाल चुके हैं।

इसके अलावा ब्याज दर तय करने वाली समिति में भी बदलाव आएगा। इसके अलावा, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र का मौजूदा कार्यकाल जनवरी मध्य में समाप्त होने वाला है। सरकार ने उनके उत्तराधिकारी की तलाश भी शुरू कर दी है।

अर्थशास्त्री पहले 50 आधार अंक की कटौती की कम दर चक्र की उम्मीद कर रहे थे लेकिन अब कई अर्थशास्त्री जीडीपी वृद्धि के आंकड़े उम्मीद से कम होने के कारण 100 आधार अंक कटौती की भी उम्मीद कर रहे हैं। फरवरी की नीति दोनों पक्षों के बारे में कुछ संकेत दे सकती है।

हालांकि रुपये की विनिमय दर में हालिया गिरावट का दबाव दर में जल्द कटौती के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। लिहाजा केंद्रीय बैंक की विनिमय दर नीति अन्य वह क्षेत्र है जिस पर करीब से नजर रखी जाएगी। रिजर्व बैंक ने हाल के वर्षों में रुपये में क्रमिक गिरावट की नीति को अपनाया था।

रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद 2022 में डॉलर की तुलना में रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आई। इसके बाद रिजर्व बैंक ने रुपये को 2023 के 0.6 फीसदी के मूल्यह्रास के सख्त दायरे में रखा। लिहाजा भारतीय मुद्रा को प्रति डॉलर 83 से गिरकर 84 तक आने में 475 दिन का समय लगा। लेकिन 84 रुपये प्रति डॉलर का स्तर प्राप्त करने के करीब दो महीने में ही रुपया 85 प्रति डॉलर के स्तर के पार पहुंच गया। इस शुक्रवार को रुपया 85.82 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, हालांकि रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के कारण यह 85.52 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

यह संयोग है कि मल्होत्रा के पदभार संभालने के बाद भारतीय मुद्रा इस महीने में डॉलर के मुकाबले 1.3 फीसदी गिर गई। दिसंबर में एशिया की अन्य समकक्ष मुद्राओं की तुलना में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बना हुआ है। वर्ष 2024 में डॉलर के मुकाबले रुपये में 2.7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *