भारतीयों ने अब तक डिजिटल अरेस्ट घोटाले के कारण 120 करोड़ रुपये गंवाए

मुंबई- पीएम मोदी ने मन की बात के एक एपिसोड में बताया कि भारतीयों ने डिजिटल अरेस्ट घोटाले के कारण 120.3 करोड़ रुपए गंवाए हैं। NPCI ने बताया कि डिजिटल पेमेंट की पहुंच अब देश के हर कोने में है, यह देश को डिजिटल फर्स्ट की ओर ले जा रहा है। इस सिस्टम ने यूजर्स को सिक्योरिटी और सुविधा दोनों दी हैं। हालांकि, डिजिटल सिस्टम का सुरक्षित इस्तेमाल करना और स्कैम से बचना जरूरी है।

किसी भी संभावित फ्रॉड या स्कैम का समय पर पता लग जाने से आप अपने और अपनों को बचा सकते हैं। डिजिटल अरेस्ट एक नए तरह का साइबर और ऑनलाइन स्कैम है, डर इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्कैमर्स खुद को पुलिस और अन्य सरकारी विभाग का जांच अधिकारी बताकर सबसे पहले लोगों को यकीन दिलाते हैं कि उन्होंने कोई फाइनेंशियल क्राइम किया है या उनके किसी परिजन के साथ कुछ बुरा हो चुका है या होने वाला है।

अधिकतर मामलों में सामने बैठा शख्स पुलिस की वर्दी में होता है। ऐसे में लोगों को विश्वास हो जाता है कि वो सच बोल रहा है। इसके बाद उनके जाल में फंसते चले जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति पुलिस, CBI, इनकम टैक्स ऑफिसर या कस्टम एजेंट जैसी सरकारी एजेंसियों से होने का दावा करता है, तो सावधान रहें। खासकर अगर वे दावा करते हैं कि तत्काल कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है या जरूरी है, तो सावधान रहें।

वे आरोप लगा सकते हैं कि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी या ड्रग तस्करी जैसे गंभीर अपराध में शामिल है।

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