गिरावट में बढ़ाते जाएं सोने में निवेश, 5,000 रुपये से ज्यादा हो गया है सस्ता
मुंबई- वैश्विक विपरीत आर्थिक स्थितियों के बीच शेयर बाजारों से लेकर सोने-चांदी में पिछले 50 दिनों से भारी गिरावट जारी है। सोना और चांदी हाल के दिनों मे सस्ता हो चुके हैं।
सोना और चांदी एक ऐसी बहुमूल्य संपत्ति है जो देश के हर घरों में एक भावनात्मक लगाव रखती है। हालांकि, पिछले कुछ समय से यह निवेश के साधन के तौर पर भी उपयोग में आने लगा है। खासकर, जब से सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत की है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े देखें तो इन बहुमूल्य धातुओं ने शेयर बाजारों या किसी और निवेश के साधनों की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है। ऐसे में इस समय गिरावट के बाद सोने में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
मजबूत डॉलर और अमेरिकी महंगाई से उपजी चिंता के कारण सोना अपने शीर्ष स्तर से अब तक 5,350 रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हो चुका है। 30 अक्तूबर को सोने का दाम 82,400 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर था। अब यह 77,050 रुपये पर आ गया है। ऐसे में अगर सोना अपने पुराने भाव पर भी हाल फिलहाल पहुंचता है तो आपको प्रति दस ग्राम 5,350 रुपये का फायदा हो सकता है। सोने का इतिहास रहा है कि इसने हमेशा लंबे समय में फायदा दिया है।
जब आर्थिक स्थितियां बिलकुल विपरीत होती हैं तो सोना सबसे ज्यादा रिटर्न देता है। उदाहरण के तौर पर कोरोना के समय सोने ने मालामाल कर दिया था। उस साल में सोने के भाव में 45.64 प्रतिशत की तेजी आई थी। अक्षय तृतीय को आधार मानें तो सालाना आधार पर इसका रिटर्न उम्दा रहा है। 2024 में इसने 18.16 फीसदी का फायदा दिया है। 2023 में 19.32 फीसदी, 2022 में 6.50 फीसदी, 2021 में 2.52 फीसदी का मुनाफा दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि जैसे ही आर्थिक स्थितियों में सुधार होगा और शेयर बाजारों में तेजी आएगी, वैसे ही सोने के दाम फिर वापस लौटेंगे। वैश्विक स्तर पर कई देशों के बीच तनाव जारी है। महंगाई भी ऊपर है। ब्याज दरों में कटौती का चक्र अभी भी थमा हुआ है। ऐसे में आगे चलकर सोने के दाम फिर से तेज रफ्तार से बढ़ सकते हैं। अक्तूबर में शेयर बाजारों में गिरावट से पहले सोने के दाम भी अपने ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुके थे। लेकिन बाजारों में गिरावट के साथ सोने का भाव भी गिरता गया।