भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

मुंबई- भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने हालांकि, इसके साथ ही कहा कि बढ़ती जनसंख्या बुनियादी सेवा का दायरा बढ़ाने में चुनौतियां भी बढ़ा सकती है। ऐसे में उत्पादकता बनाए रखने के लिए निवेश भी उसी रफ्तार से बढ़ाना होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अगले दशक और उससे आगे के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं। वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था 3.6 लाख करोड़ डॉलर है। 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य है।

एसएंडपी ने कहा, उभरते बाजार अगले दशक में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जहां 2035 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वृद्धि दर 4.06 प्रतिशत रहेगी, वहीं उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह दर 1.59 प्रतिशत रहेगी। साल 2035 तक उभरते बाजार वैश्विक आर्थिक वृद्धि में लगभग 65 प्रतिशत का योगदान देंगे। इस वृद्धि में मुख्य रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का योगदान होगा। इनमें चीन, भारत, वियतनाम और फिलीपीन शामिल हैं।

एसएंडपी ने कहा, 2035 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो जाएगा। इंडोनेशिया और ब्राजील क्रमशः आठवें और नौवें स्थान पर होंगे। भारत ने अपने पूंजीगत खर्च को बढ़ाकर कमजोर राजकोषीय क्षमता को सुधारने के लिए भी कदम उठाए हैं। इससे दीर्घकालिक वृद्धि को और अधिक समर्थन मिलेगा।

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