नहीं चलेगी ओला कैब की मनमानी, ग्राहकों को बैंक खाते में भी देना होगा रिफंड

मुंबई- ऑनलाइन टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला की मनमानी पर रोक लगेगी। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कहा है कि कंपनी ग्राहकों को रिफंड के लिए पसंदीदा तरीके का विकल्प चुनने की सुविधा दे। ग्राहक चाहें तो रिफंड सीधे अपने बैंक खाते में या कूपन के जरिये ले सकेंगे।

सीसीपीए ने रविवार को आदेश में कहा, ओला अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की जाने वाली सभी ऑटो राइड्स के लिए ग्राहकों को बिल या रसीद भी दे। इससे सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। सीसीपीए ने पाया कि जब भी ग्राहक ओला एप पर कोई शिकायत दर्ज करता है तो कंपनी अपनी ‘नो-क्वेश्चन-आस्क्ड रिफंड पॉलिसी’ के तहत केवल एक कूपन कोड देती है। ग्राहक से यह नहीं पूछा जाता कि वह रिफंड किस रूप में चाहता है। यह कूपन कोड अगली राइड के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

सीसीपीए ने माना कि उपरोक्त नियम ग्राहक अधिकारों का उल्लंघन है। ‘नो-क्वेश्चन-आस्क्ड रिफंड पॉलिसी’ का मतलब यह नहीं है कि कंपनी लोगों को केवल अगली सवारी लेने के लिए इस सुविधा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करे। सीसीपीए ने देखा कि अगर कोई ग्राहक ओला पर बुक की गई ऑटो सवारी के लिए रसीद लेने का प्रयास करता है तो ऐप ऑटो सेवा के नियमों और शर्तों में बदलाव के रसीद देने से मना कर देता है।

इस साल 9 अक्तूबर तक ओला कैब्स के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कुल 2,061 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें ज्यादातर शिकायतें बुकिंग के समय से ज्यादा किराया और उपभोक्ताओं को राशि वापस न करने की थीं।

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