टाटा मोटर्स जेएलआर के साथ मिलकर भारत में बनाएगी ग्लोबल इलेक्ट्रिक वाहन
मुंबई- टाटा मोटर्स (Tata Motors) और जगुआर लैंड रोवर (JLR) अब भारत में ग्लोबल मार्केट के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) बनाएंगे। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने दी।
चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा मोटर्स और JLR कई वर्षों से इस क्षेत्र में तालमेल बिठा रहे हैं और अब भारत में वैश्विक बाजारों के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल के मैन्युफैक्चरिंग की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। JLR के इलेक्ट्रिफाइड मॉड्यूलर आर्किटेक्चर (EMA) प्लेटफॉर्म का जिक्र करते हुए, चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि इस प्लेटफॉर्म पर भारत में दो अलग-अलग मॉडल होंगे, जिनमें से एक मॉडल JLR का होगा और दूसरा मॉडल टाटा मोटर्स के लिए होगा।
उन्होंने कहा, “हम साणंद से जेएलआर कारों का निर्यात भी करेंगे।” चंद्रशेखरन ने बिना ज्यादा जानकारी दिए बताया कि उनकी “बड़ी आकांक्षाएं” हैं और टाटा मोटर्स अगले 12 महीनों में अपने निर्यात योजनाओं पर चर्चा करेगी। गुजरात के साणंद में स्थित प्लांट से संभवतः EMA प्लेटफॉर्म पर आधारित पहली कार का उत्पादन हो सकता है, जिसे Avinya के नाम से जाना जाता है। उम्मीद की जा रही है कि यह कार ग्लोबल मार्केट के लिए निर्मित होगी, इसके साथ ही इसे भारत में भी बेचा जाएगा। बता दें कि साणंद में ही टाटा मोटर्स ने अमेरिका की दिग्गज ऑटोमेकर फोर्ड मोटर्स (Ford Motors) के पुराने प्लांट को भी अधिग्रहित किया है।
JLR के पास पहले से ही यूनाइटेड किंगडम, चीन, यूरोप और अन्य स्थानों पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और उसने अपनी इलेक्ट्रिफिकेशन योजना की रूपरेखा तैयार की है। टाटा मोटर्स ने अपने FY24 की एनुअल रिपोर्ट में बताया कि नया EMA और जगुआर इलेक्ट्रिफाइड आर्किटेक्चर 2025 से पेश किया जाएगा, क्योंकि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बिजनेस की ओर बढ़ रहा है, जिसमें 2030 तक इसके सभी ब्रांड शुद्ध इलेक्ट्रिक विकल्प प्रदान करेंगे।
JLR की इलेक्ट्रिफिकेशन योजना के तहत, दुनिया में स्थापित इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांटों में ईवी उत्पादन के लिए जरूरी बदलाव और अपडेट भी किए जाएंगे। सोलिहुल में इलेक्ट्रिक जगुआर का उत्पादन होगा, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम के मर्सीसाइड में हेलवुड को पहली ‘इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट’ में परिवर्तित किया जाएगा। स्लोवाकिया के नाइट्रा में JLR के प्लांट को 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने के लिए अपडेट किया जाएगा।
JLR FY20 के बेसलाइन की तुलना में 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए काम कर रहा है। कंपनी ने अपने सहयोगियों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर अपने ऑपरेशन में 46 प्रतिशत तक और अपनी पूरी वैल्यू चेन में प्रति वाहन 54 प्रतिशत तक उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स के लिए अकेले यह निवेश करना संभव नहीं हो सकता है, और JLR के वॉल्यूम भी पर्याप्त नहीं हो सकते। उन्होंने आगे कहा, “हम सिर्फ प्लेटफॉर्म के बारे में ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक (E/E) आर्किटेक्चर के बारे में भी बात कर रहे हैं।”