अदाणी समूह के प्रमोटर 9 महीने में 30,000 करोड़ रुपये के बेच सकते हैं शेयर
मुंबई- देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप के प्रमोटर अगले नौ महीनों में ₹30,000 करोड़ के शेयर बेचने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अडानी परिवार लिस्टेड कंपनियों में अपने पोर्टफोलियो को नए सिरे से बैलेंस करना चाहता है। इसके तहत कुछ लिस्टेड फर्मों में हिस्सेदारी कम की जाएगी जबकि कुछ में स्टेक बढ़ाया जाएगा।
प्रमोटर परिवार हर कंपनी में 64 से 68% हिस्सेदारी रखना चाहता है। हिस्सेदारी बिक्री की शुरुआत अंबुजा सीमेंट और अडानी पावर से होगी जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी में हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। अडानी परिवार अगले दशक में अपनी कंपनियों का शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर अमेरिका की बड़ी लिस्टेड कंपनियों की तरह करना चाहता है। इनमें म्यूचुअल फंड के अलावा रिटेल और लॉन्ग-ओनली शेयरहोल्डर का मिक्स होगा।
वॉल्यूम और प्राइस के आधार पर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और बैलेंसिंग के लिए सालाना कुल प्रमोटर स्टेक का लगभग आधा प्रतिशत से 3% हिस्से का कारोबार किया जाएगा। प्रमोटर इसकी शुरुआत कर भी चुके हैं। एक ब्लॉक डील के जरिए अंबुजा सीमेंट में 2.8% हिस्सेदारी बेची जा रही है। यह डील 500 मिलियन डॉलर की हो सकती है।
सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में इस सीमेंट कंपनी में इतनी ही रकम की एक और ब्लॉक डील हो सकती है। अडानी परिवार इस साल के अंत तक अडानी पावर में लगभग 3% हिस्सेदारी बेचने की भी सोच रहा है। इससे 8,000-10,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है।
इसकी अडानी परिवार अडानी ग्रीन एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगा। फिलहाल इसमें उसकी 57.5% हिस्सेदारी है। शुरुआत में इस कंपनी में अंबानी परिवार की हिस्सेदारी 3% तक बढ़ाई जा सकती है। साथ ही अडानी विल्मर में प्रमोटर की हिस्सेदारी इसी महीने 87.87% से घटाकर 75% करनी होगी। सेबी के नियमों के मुताबिक ऐसा करना जरूरी है। अडानी और विल्मर के पास कंपनी में एक बराबर 43.94% हिस्सेदारी है।
अडानी ग्रुप ने अंबुजा और एसीसी के अधिग्रहण के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों से लोन लिया था। इसमें से $3.1 अरब का लोन बकाया है। माना जा रहा है कि इसके पेमेंट के बजाय इसे रिफाइनेंस किया जा सकता है। अभी डिविडेंड का यूज लोन के आंशिक भुगतान के लिए किया जाता है। पिछले महीने अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने QIP के माध्यम से $1 अरब जुटाए। पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप ने पहली बार पैसा जुटाया है।