देश में बिक रहे 12 पर्सेंट मसाले स्वास्थ्य के लिए खतरनाक, 4,054 सैंपल की जांच
मुंबई- देश में बिक रहे 12% मसाले क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड के मुताबिक ठीक नहीं हैं। फूड्स सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने देश में बिक रहे मसालों की टोटल 4054 सैंपल्स की जांच की। इनमें से 474 मसाले FSSAI के मुताबिक खाने योग्य नहीं थे। मई से जुलाई के बीच FSSAI ने मसालों की टेस्टिंग की गई। अप्रैल-मई 2024 में सरकार ने सिंगापुर और हॉन्ग-कॉन्ग में मसालों की क्वालिटी पर सवाल और बैन की खबरों के बाद FSSAI ने इनकी जांच का फैसला किया था।
फूड अथॉरिटी FSSAI ने कहा कि जिन मसालों की टेस्टिंग की गई, उनकी ब्रांड के अनुसार डिटेल नहीं है। लेकिन वह क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड पर खरे नहीं उतरने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। वहीं, MDH और एवरेस्ट ने दावा किया उनके प्रोडक्ट्स कंज्यूमर के लिए सेफ हैं।
MDH और एवरेस्ट के मसाले भारती मार्केट के साथ-साथ दुनियाभर में बिकते हैं। जियॉन मार्केट रिसर्च के अनुसार, 2022 में भारत के डोमेस्टिक स्पाइस मार्केट की वैल्यू 87,608 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से हुए मसालों के एक्सपोर्ट की वैल्यू 37,425 करोड़ रुपए से ज्यादा रहने का अनुमान है।
अप्रैल 2024 में सरकार ने हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में MDH और एवरेस्ट के चार मसालों पर बैन के बाद अब भारत सरकार ने फूड कमिश्नर्स से सभी कंपनियों के मसालों का सैंपल कलेक्ट करने को कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि दोनों कंपनियों के इन प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड ‘एथिलीन ऑक्साइड’ की ज्यादा मात्रा होने के कारण इन्हें बैन किया गया था। इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने का खतरा है।
मसाला बनाने वाली कंपनियां एथिलीन ऑक्साइड सहित अन्य कीटनाशकों का उपयोग ई. कोली और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया और फंगस से फूड आइटम्स को खराब होने से बचाने के लिए करती हैं, क्योंकि इन बैक्टीरिया के संपर्क में आने से मसालों की शेल्फ लाइफ बहुत छोटी हो सकती है।