अयोध्या, बनारस और मथुरा जैसे छोटे शहरों में जमीन में निवेश से बड़ा फायदा
मुंबई- इस समय छोटे शहरों में जमीनों की कीमतें आसमान छू रही हैं। बड़े शहरों में कीमतें अब इतनी ऊंची हो चुकी हैं कि वहां निवेश करने के लिए एक तो बड़ा फंड चाहिए, दूसरा कीमतें बढ़ने की गुंजाइश भी कम हो रही हैं।
आज की अस्थिर वित्तीय दुनिया में पारंपरिक निवेश विकल्प अब घाटे का सौदा माना जा रहा है। ऐसे में जमीन में निवेश स्थिर और बेहतर रिटर्न के विकल्प के रूप में उभरा है। जमीन की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है, जो रियल एस्टेट निवेश के अन्य विकल्पों से बेहतर है। जमीन में निवेश भविष्य के लिए सोने की खदान खोजने के समान है। सरकार इन्फ्रा पर तेजी से काम कर रही है। ऐसे में रेलवे, एक्सप्रेस हाइवे और सड़कों के किनारे जमीनों के अधिग्रहण के एवज में बाजार की तय दर के मुकाबले कई गुना ज्यादा भाव मिल रहा है।
विशेषज्ञ अक्सर सलाह देते हैं कि कुल निवेश का लगभग 10 प्रतिशत रियल एस्टेट, विशेष रूप से जमीन में निवेश किया जाना चाहिए। अन्य परिसंपत्तियों के विपरीत जमीन के दाम आमतौर पर नहीं घटते हैं। इनकी कीमतें कम अस्थिर होती हैं। इससे लगातार रिटर्न मिलता है। ऐतिहासिक रूप से यह देखा गया है कि यदि इसे 10 से 20 वर्षों तक रखा जाए तो यह सालाना 20 फीसदी चक्रवृद्धि दर से रिटर्न मिला है।
जिन शहरों में इन्फ्रा पर तेजी से काम हुआ है, वहां के जमीन मालिकों को बाजार भाव से कई गुना ज्यादा पैसा मिला है। उदाहरण के तौर पर मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हो या फिर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे हो। यूपी में यमुना एक्सप्रेस हो या फिर जेवर एयरपोर्ट हो। यहां के आसपास की जमीनों की कीमतें आसमान छू रही हैं। अयोध्या में जब राम मंदिर का उदघाटन हुआ तो यहां हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा ने सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा देकर 1,400 किसानों से 75 एकड़ जमीन खरीदी। कंपनी ने अयोध्या के लिए अपनी योजनाएं तब बनाईं जब स्थानीय प्रशासन यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए योजना बना रहा था।
इस समय डेवलपर्स महाराष्ट्र के अलीबाग, नेरल और कोंकण जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं। गोवा में लग्जरी आवासीय परियोजनाएं भी यहां निवेश का आकर्षक विकल्प बन रही हैं। इसके अलावा अब यूपी के वृंदावन, वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और पंजाब के अमृतसर भी धार्मिक नजरिए से एक नए आकर्षक क्षेत्र बनकर उभर रहे हैं, जहां डेवलपर्स फोकस कर रहे हैं।