घट सकते हैं खाने के तेल के दाम, मंत्रालय ने दी कंपनियों को घटाने की राय
मुंबई- अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाने के तेल की कीमतें घटने से भारत में भी इसकी कीमतें घट सकती हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों को सलाह दी है कि जिस तर्ज पर वैश्विक बाजारों में तेल सस्ता हो रहा है, उसी आधार पर देश में भी दामों में कटौती की जाए।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तेल कंपनियों को दाम घटाने को कहा है। हालांकि, इन कंपनियों ने फिलहाल दाम में कटौती में असमर्थता जताई है। इनका कहना है कि अगले महीने से सरसों की कटाई शुरू होगी। नई फसल आने के बाद ही कीमतों में कमी संभव है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने सदस्यों को भेज पत्र में कहा है, उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने कहा है कि सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल जैसे तेलों पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी की सीमा तक कम नहीं की गई है। ऐसे में आगे कीमतें घटने की उम्मीद है। एक अग्रणी तेल कंपनी के अधिकारी ने कहा, खाना पकाने के तेल की कीमतें बहुत स्थिर हैं। कीमतों में कोई भारी वृद्धि या कमी नहीं हुई है। हमें कीमतों में तत्काल सुधार की उम्मीद नहीं है।
दिसंबर में खाद्य तेल की कीमतों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई थी। हालांकि, जनवरी में कीमतें फिर से 8 फीसदी बढ़ गई हैं। विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार ने ज्यादा जोर डाला तो कीमतों में केवल कुछ कटौती हो सकती है।