आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का दावा- फेल होगी पीएलआई योजना
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने पीएलआई योजना पर सवाल उठाए हैं। एक रिसर्च नोट में उन्होंने कहा कि यह ऐसी योजना है जो फेल हो जाएगी। इस योजना में मोबाइल विनिर्माण पर खास फोकस रखा गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का हब नहीं बना है। उनका कहना है कि इस योजना का अब तक कोई असर नहीं दिख रहा है। इसलिए इसे दूसरे क्षेत्रों में लागू करने से पहले इसके प्रदर्शन की समीक्षा की जानी चाहिए।
सरकार ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने और रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की शुरुआत की है। नोट में कहा गया है, केंद्र सरकार को पीएलआई योजना से कितने रोजगार पैदा हुए, रोजगार की लागत कितनी रही और यह अब तक कारगर क्यों नहीं रही, इसकी समीक्षा करनी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से पहले देश में केवल दो विनिर्माण कारखाने थे। अब यह 200 से ऊपर हैं। वित्त वर्ष 2023 में देश से करीब 1,85,000 करोड़ रुपये का इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात किया गया। उसके पहले साल में यह आंकड़ा 1,16,936 करोड़ रुपये था। इस तरह एक साल में इसमें 58 फीसदी की तेजी आई है।
रिसर्च नोट के अनुसार, पीएलआई देश में फोन की फिनिशिंग पर सब्सिडी दी जाती है। भारत अब भी मोबाइल फोन के ज्यादातर कलपुर्जे आयात करता है। राजन ने जो आंकड़े साझा किए हैं उनके मुताबिक भारत मोबाइल के प्रमुख कलपुर्जे में से किसी का निर्यात नहीं करता है। इनमें सेमीकंडक्टर,डिस्प्ले, कैमरा और बैटरी शामिल हैं।